कोरोना वायरस महामारी की वजह से खाली हो रहे सरकारी खजाने को भरने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइड ड्यूटी में बड़ा इजाफा कर दिया है। पेट्रोल पर 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर टैक्स बढ़ा दिया गया है। हालांकि, इसका ग्राहकों की जेब पर बोझ नहीं पड़ेगा। लेकिन अंतरराष्ट्रीज बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी का लाभ नहीं मिलेगा।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मांग नहीं होने के कारण पिछले माह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 18.10 डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गई थी। यह 1999 के बाद से सबसे कम कीमत थी। हालांकि इसके बाद कीमतों में थोड़ी वृद्धि हुई और यह 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई।
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पेट्रोल पर 10 रुपए बढ़ाए गए टैक्स में से 8 रुपए रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस में जाएंगे और 2 रुपए स्पेशल एक्साइज ड्यूटी के होंगे। इसी तरह डीजल पर 13 रुपए टैक्स वृद्धि की गई है। इसमें से 8 रुपए प्रति लीटर रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस और 5 रुपए अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी खाते में जाएंगे।
सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ''ड्यूटी में इजाफे से मिलने वाले धन को इन्फ्रास्ट्रक्चर और दूसरे विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा। ड्यूटी बढ़ान से पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि नहीं होगी, इसलिए ग्राहकों पर इसका कोई असर नहीं होगा।'' ऑइल मार्केटिंग कंपनियों को इस नई बढ़ोत्तरी का वहन किया जाएगा। एक्साइज ड्यूटी रेट में यह बदलाव 6 मई से प्रभावी होगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी का फायदा उठाने के लिए सरकार ने पहले भी एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि की थी। मार्च में भी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 3 रुपए की वृद्धि की थी। भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बाजार आधारित हैं। इन पर कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों अधिक कमी होने से सरकार को टैक्स बढ़ाने का मौका मिलता है, वह भी ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना।