विश्वपति वर्मा
बड़े-बड़े दावे करने वाली राज्य सरकारें और केंद्र की मोदी सरकार गरीब मजदूरों के साथ बर्बरता कर रही है ,दिल्ली ,महाराष्ट्र ,हरियाणा ,राजस्थान जैसे अनेकों राज्यों के सैकड़ो शहरों में देश के ग्रामीण इलाकों के रहने वाले लाखों लोग फंसे हुए हैं ,लॉकडाउन के तीसरे चरण तक इन लोगों के पास न खाने की व्यवस्था है और न ही रहने का बंदोबस्त लिहाजा श्रमिक वर्ग जंगलों और ट्रेन की पटरियों के रास्ते पैदल चलकर अपने घर पहुंचना चाहते हैं।
दिल्ली बार्डर से एमएम चंद्रा ने रिपोर्ट दिखाई कि कैसे जंगलों के बीच होकर हजारों हजार की संख्या में लोग घर जाने के लिए विवश हैं, बेहतर होता कि केंद्र सरकार द्वारा ट्रेन चलाये जाने वाली व्यवस्था केवल हवा हवाई न होकर मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए काम करती ।
लेकिन देश की निरंकुश सरकारों ने यह दिखा दिया है कि वह देश के मजदूरों का खून चूस कर अपनी अर्थव्यवस्था को बलवान बनाने के साथ उनका वोट लेकर सत्ता का मजा भोगना चाहते हैं।न उनके लिए शासन है और न लोकतांत्रिक व्यवस्था यहां पर तो बस पुराने जमाने में चलने वाली राजा रजवाड़ों की तानाशाही वाली व्यवस्था है जहां गुलामी में जिंदगी बिताने के लिए राज्य की जनता सिर झुकाए खड़ी रहती थी उसी परंपरा वाली सरकार आज भी चल रही है।