भारत के गांवों के बीच लगने वाले बाजारों का एक बड़ा महत्व होता है जंहा पर घरेलू सामानों से लेकर तमाम जरुरत के सामान आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। इसी बीच आज हम उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के अंदर भानपुर तहसील क्षेत्र के सल्टौआ ब्लॉक अंतर्गत लगने वाले भिरियाँ बाजार के बारे में बात कर रहे हैं
जहां लॉकडाउन चलते पूरा रौनक खत्म हो चुका है ।
फाइल फोटो
भिरियाँ बाजार जिला मुख्यालय बस्ती से 26 किलोमीटर दूर सोनहा शिवाघाट मार्ग के किनारे लगता है इस बाजार में साग-सब्जी ,मांस,सरसो तेल ,मिट्टी के बर्तन ,कपड़े ,मिठाई,लोहे से बने सामान, और अनाज के साथ पशुओं की बिक्री की जाती है ।
हप्ते में दो दिन सोमवार और बृहस्पतिवार को लगने वाले इस बाजार में लगभग 300 से अधिक दुकानें सजती हैं जंहा पर क्षेत्र के 20 से अधिक ग्राम पंचायतों के हजारों लोग सामानों का क्रय -विक्रय करते हैं। बाजार में सर्वाधिक बिक्री सब्जी की होती है जो स्थानीय स्तर के किसानों द्वारा उपजाया हुआ होता है।
भिरियाँ बाजार जिला मुख्यालय बस्ती से 26 किलोमीटर दूर सोनहा शिवाघाट मार्ग के किनारे लगता है इस बाजार में साग-सब्जी ,मांस,सरसो तेल ,मिट्टी के बर्तन ,कपड़े ,मिठाई,लोहे से बने सामान, और अनाज के साथ पशुओं की बिक्री की जाती है ।
हप्ते में दो दिन सोमवार और बृहस्पतिवार को लगने वाले इस बाजार में लगभग 300 से अधिक दुकानें सजती हैं जंहा पर क्षेत्र के 20 से अधिक ग्राम पंचायतों के हजारों लोग सामानों का क्रय -विक्रय करते हैं। बाजार में सर्वाधिक बिक्री सब्जी की होती है जो स्थानीय स्तर के किसानों द्वारा उपजाया हुआ होता है।
लेकिन देश में 24 मार्च से जारी लॉकडाउन के बीच भिरियाँ बाजार पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है अब यहाँ ना तो व्यापारियों का आना जाना हो रहा है और ना ही खरीददार दिखाई पड़ रहे हैं क्योंकि लॉकडाउन के चलते बाजार को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
इस लॉकडाउन के चलते सबसे ज्यादा नुकसान स्थानीय किसानों का हुआ है जो अपने खेत में आलू ,प्याज ,मिर्च,लहसुन ,खीरा,लौकी ,कद्दू ,भिंडी ,बैगन ,टमाटर ,साग ,तरोई आदि को पैदा करके बाजार लाते थे और यहां बेंच कर जाते थे लेकिन 106 दिन से चल रहे लॉकडाउन के बीच इस बाजार में किसानों का आगमन नही हो पा रहा है जिसका परिणाम है कि किसानों को या तो सब्जियों के फसल को नष्ट करना पड़ रहा है या फिर औने पौने दामों में बेंच कर उसे खत्म किया जा रहा है।
बता दें कि भारत में कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन रहने का आदेश दिया। इस निर्णय से पहले 22 मार्च को 14 घंटों के जनता कर्फ्यू किया गया था। उसके बाद 14 अप्रैल सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन की अवधि को आगे बढ़ाकर 3 मई करने का फैसला लिया और कहा कि अगले एक हफ्ते नियम और सख्त होंगे साथ ही मोदी ने कहा कि जहां नए मामले सामने नहीं आएंगे वहाँ कुछ छूट दी जाएगी। उसके बाद एक बार फिर 17 मई को गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा की लेकिन कोरोना वायरस तेजी से फैलने के चलते 30 मई को देशभर में लॉकडाउन के पांचवें चरण की घोषणा की गयी जो 30 जून तक प्रभावी है. हालांकि इस बीच मे काफी कुछ छूट दी गई हैं लेकिन उस तरह से बाजारें नही लग रही हैं जैसा कि 24 मार्च के पहले दिखाई पड़ती थी।