हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है और पूरी दुनिया में संदेश दिया जाता है कि हमें हर हाल में पर्यावरण की रक्षा करना है। दुनिया में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1972 को मनाया गया था।
इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से हुई थी तब 119 देशों ने इसमें हिस्सा लिया था। उसके बाद से यह सिलसिला चला आ रहा है। हर वर्ष World Environment Day की थीम तय की जाती है और पूरी दुनिया में उसी आधार पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार की थीम है 'समय और प्रकृति'।
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर हर साल विभिन्न देशों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कोई एक देश मेजबानी करता है। इस बार जर्मनी के साथ में कोलंबिया मेजबानी कर रहा है। इस बार कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है।
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण इस बार का विश्व पर्यावरण दिवस बिल्कुल अलग रहने वाला है। इस बार लोग अपने घरों में ही रहकर पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेंगे। वैसे घर में रहकर भी पर्यावरण दिवस मनाया जा सकता है। जैसे यदि आप पर्यावरण को बचाना चाहते हैं तो अपने घर में पेड़ पौधे लगाएं। रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजें ऐसी इस्तेमाल करें जो रीसायकल हो सकें।
पॉलिथीन का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। उसकी जगह कपड़े की थैली का इस्तेमाल करें। बिजली का उपयोग कम से कम करें। फ्रिज और AC जैसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले साधनों का इस्तेमाल कम से कम करें। कचरा खुले में न फेंके पानी बचाएं। इधर-उधर ना थूकें। अपने साथ-साथ दूसरों की भी सेहत का ख्याल रखें। पशु पक्षियों का ख्याल रखें। इन्हीं बहुत छोटी बातों का पालन करेंगे तो पर्यावरण स्वस्थ रहेगा और हमारी आने वाली पीढ़ी भी स्वस्थ रहेंगी।