विश्वपति वर्मा(सौरभ)
गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर साबरमती आश्रम पहुंचे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि पूरा देश खुले में शौच से मुक्त हो गया है।
उस वक्त समाचार पत्र दैनिक जागरण ने ग्राफिक्स के माध्यम से यह समझाने की कोशिश किया था कि देश में किस तरह से शौचालय का निर्माण कार्य में तेजी आया है और किस तरह से पूरा देश अब शौचालय मय हो गया है।
पीएम मोदी के दावों के बीच 9 महीना बीत जाने के बाद जब भारत के गांव की सही स्थिति जानने के लिए हम धरातल पर जाते हैं तो पता लगता है कि 100 फीसदी घरों में शौचालय बनने का दावा पूरी तरह से गलत है यहां तक कि अभी गांवों में 50 फीसदी से अधिक घरों में शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है।
धरातल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जब हम उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के औड़जंगल निवासी शांति देवी के घर पहुंचते हैं तो उनके घर के सामने शौचालय निर्माण के लिए काम शुरू किया गया है यह काम वर्ष 2018 में शुरू किया गया लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी उनके घर के सामने शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है ।
शांति देवी ने बताया कि शौचालय बनवाने के लिए 6000 रुपये का सरकारी सहायता प्राप्त हुआ था जिससे हमने निर्माण कार्य शुरू करवाया था उसके बाद न तो किसी प्रकार का सहयोग मिला न ही शौचालय का काम पूरा हो पाया।
शांति देवी एक अकेली महिला नहीं है जो शौचालय के निर्माण कार्य पूरा होने के लिए आस लगाए बैठी हुई हैं इसी तरह से देश भर की लाखों महिलाएं और परिवार के मुखिया इस आस में बैठे हुए हैं कि उनके घर पर भी शौचालय का निर्माण होगा और उनके शौचालय का सपना पूरा होगा लेकिन सरकार की निरंकुशता और प्रशासन की उदासीनता एवं झूठे दावों के बीच गरीबों के शौचालय का सपना पूरी तरह से दफन हो गया है ।