विश्वपति वर्मा-
27 फरवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कहा था कि, मनरेगा योजना यूपीए सरकार की विफलताओं का जीता जागता उदाहरण है
मोदी ने कहा था कि आजादी के 60 साल बाद लोगों को गड्ढा खोदने के लिए भेजना पड़ रहा है यह आपकी (यूपीए) की विफलता का स्मारक है और मैं गाजे बाजे के साथ इस स्मारक का ढोल पीटता रहूंगा और दुनिया को बताऊंगा कि तुम जो ये गड्ढा खोद रहे हो यह 60 सालों के पापों का परिणाम है।
और आज वही पीएम मोदी ढोल पीट रहे हैं कि मनरेगा के तहत हमने 2.63 करोड़ मजदूरों को रोजगार देकर लॉकडाउन में लोगों को खाने पीने के लिए जरूरी खर्चे का बंदोबस्त किया है।
अब आप विचार कीजिये कि पीएम मोदी का चरित्र कैसा है जो अपने ही देश की योजनाओं पर लांछन लगाकर देश- दुनिया में अपने आप को बेदाग छवि के रूप में दिखाना चाहते हैं जबकि सच को देखा जाए तो पीएम मोदी के 6 सालों के कार्यकाल में सबसे ज्यादा पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की योजनाएं संचालित है।