उत्तर प्रदेश STF द्वारा मध्य प्रदेश से कानपुर ले जाए जाते वक्त शुक्रवार सुबह हुए एक्सीडेंट के बाद भागने की कोशिश करते गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है. कानपुर से सिर्फ एक घंटे की दूरी रह गई थी कि बारिश से भीगी सड़क पर STF की गाड़ियों के काफिले में से वह कार पलट गई, जिसमें गैंगस्टर को बिठाया गया था, और पुलिस के मुताबिक, विकास दुबे उसी हादसे में ज़ख्मी हुए पुलिसकर्मी की गन छीनकर भाग निकला.
इस घटना के दौरान आसपास कुछ लोगों को गोलियां चलने की आवाज़ आई थी. लेकिन वो कुछ समझ नहीं पाए. एक राहगीर का कहना है कि पुलिस ने उन्हें दूर भगा दिया था. वहीं, उसका यह भी कहना है कि पुलिस की गाड़ी का कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ है.
इस एनकाउंटर के दौरान पास ही से गुज़र रहे एक राहगीर आशीष पासवान ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "हमने गोलियों की आवाज़ें सुनी थीं... पुलिस ने हमें दूर भगा दिया... हम अपने घर लौटकर जा रहे थे..." उनसे जब पूछा गया कि क्या गाड़ी का कोई एक्सीडेंट हुआ है तो उन्होंने बोला कि कोई गाड़ी का कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ था. उनका बयान पुलिस की कहानी के बिल्कुल उलट है, जिसमें पुलिस ने कहा है कि विकास दुबे को जिस गाड़ी से ले जाया जा रहा था, बारिश के कारण वही गाड़ी पलट गई थी.
शुक्रवार की सुबह कानपुर एनकाउंटर के ठीक एक हफ्ते बाद विकास दुबे के एनकाउंटर की भी खबर आ गई है. पुलिस के अनुसार, इसके बाद ठीक उसी तरह विकास दुबे को मार गिराया गया, जिस तरह पिछले कुछ दिनों में विकास दुबे के कुछ साथी भागने की कोशिश के दौरान मुठभेड़ में मारे गए. यूपी एसटीफ पुलिस दुबे को गुरुवार को उज्जैन में हुई उसकी गिरफ्तारी के बाद कानपुर वापस ला रही थी, जहां शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाना था. लेकिन पुलिस का कहना है कि पुलिस की कार पलटने के बाद विकास ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की. पुलिस का दावा है कि विकास 2-3 किलोमीटर तक भागा था, ऐसे में पुलिस को उसे गोली मारनी पड़ी
पुलिस ने जानकारी दी है कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एसटीएफ के चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए जा रहे हैं. पुलिस का कहना है कि उसे आत्मसमर्पण को कहा गया था लेकिन उसने पुलिस पर गोलियां चलाई थीं.