गुजरात के वराछा में शुक्रवार करीब रात 10 बजे स्वास्थ्य राज्यमंत्री कुमार कानाणी के बेटे प्रकाश और कॉन्स्टेबल सुनीता यादव sunita yadav Constable gujrat के बीच हुई बहस हो गई। इसका ऑडियो-वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस से लेकर राजनीतिक गलियारे तक में शनिवार को यह मुद्दा छाया रहा।
दरअसल, विवाद की शुरुआत कार में सवार पांच युवकों के कर्फ्यू उल्लंघन मामले में महिला कॉन्स्टेबल द्वारा रोके जाने और उनके समर्थन में राज्यमंत्री प्रकाश कानाणी के मौके पर आने के बाद शुरू हुआ।
करीब डेढ़ घंटे तक चले इस ड्रामे का ऑडियो वायरल हुई। इस दौरान सुनाई दे रही गाली-गलौच और कहासुनी प्रकाश और कॉन्स्टेबल सुनीता की बताई जा रही है। प्रकाश ने सुनीता को365 दिन यहीं खड़े रहने की ड्यूटी लगवा देने की धमकी दी। इस पर सुनीता भड़क गईं और बोलीं- पुलिस की यह वर्दी तुम्हारे बाप की गुलामी करने के लिए नहीं पहनी है। औकात हो तो करवा देना मेरा ट्रांसफर गांधीनगर।
बताया जा रहा है कि वराछा थाने के पीआई और एसीपी से फोन पर बात करने के बाद कॉन्स्टेबल इस्तीफा देने की पेशकश करते हुए घर लौट आई है। हालांकि, इस्तीफे की पुष्टि नहीं हुई है। कमिश्नर आरबी ब्रह्मभट्ट ने डिविजन के एसीपी सी.के. पटेल को मामले की जांच का आदेश दे दिया है। सुनीता तीन साल पहले पुलिस में भर्ती हुई थी।
कॉन्स्टेबल शुक्रवार रात वराछा क्षेत्र में ड्यूटी पर थी। इस दौरान एक कार को रुकवाया, जिसमें 5 युवक सवार थे। कॉन्स्टेबल के मुताबिक ये लोग कर्फ्यू में घूम रहे थे और मास्क नहीं पहन रखा था। युवकों ने स्वास्थ्य मंत्री के बेटे प्रकाश कानाणी को फोन कर बुला लिया। इसके बाद प्रकाश और सुनीता के बीच बहस शुरू हो गई।
सुनीता ने कार से नंबर प्लेट उतरवा ली और वहीं से मंत्री को भी फोन भी लगवाया। आखिर में प्रकाश को बहन बोलकर बैकफुट पर आना पड़ गया। प्रकाश ने कहा- मैं दोनों हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। इस मामले में मंत्री कुमार कानाणी का कहना है कि रात को बेटा किसी बीमार रिश्तेदार की मदद के लिए गया था।