विश्वपति वर्मा-
संबैधानिक ढांचे पर देश की बुनियाद बनाई गई है जिसमे राजीव गांधी, इंदिरा गांधी ,चौधरी चरण सिंह ,अटल बिहारी वाजपेयी ,मनमोहन सिंह जैसे लोगों ने देश के निर्माण में काफी ईंटे जोड़ी है ,लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सब ईंटों को उजाड़ कर बेंचने में महारथ हासिल किया है। इससे न केवल देश खोखला हो रहा है बल्कि देश मे गरीबी और गरीबों की संख्या भी बढ़ने के क्रम में है।
इसी संविधान की देन है कि मोदी जी जैसे लोग स्टेशन पर चाय बेचते बेचते अपनी प्रतिभा का परचम लहराने में कामयाब हो गए ,गरीबी और लाचारी में जीवन जीने वाले पीएम मोदी राज्य सत्ता से लेकर केंद्रीय सत्ता के प्रधानसेवक बनने में सफलता हासिल किया ,लेकिन यह बात स्पष्ट रूप से दिखाई देती है कि मोदी जैसे प्रधानमंत्री देश के अंतिम वर्ग के जीवन मे खुशहाली लाने में फेल हैं ।
आज लोगों की पूंजी से खड़ी की गई देश की सम्पति को पीएम मोदी बेचने में लगे हुए हैं लेकिन इस बात का अंदाजा किसी को नही है कि जब देश मे सब कुछ बिक कर प्राइवेट सेक्टर के हाथों में चला जायेगा तो उसके अपने ही संस्थानों से उसका अधिकार खत्म हो जाएगा .सच तो यह है कि यदि बिकने और बेचने का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो पीएम मोदी एक दिन देश की बुनियाद को भी बेच देंगे।