संचार राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने अपने जवाब में कहा, ‘भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के पास अपने मोबाइल नेटवर्क उपकरण का 44.4 प्रतिशत हिस्सा जेडटीई से आया है और हुआवेई का इसमें 9.0 प्रतिशत हिस्सेदारी है. महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के मोबाइल नेटवर्क उपकरणों में 10 प्रतिशत हिस्सा चीनी उपकरण निर्माताओं के हैं.
सरकार द्वारा संचालित बीएसएनएल और एमटीएनएल में केवल 2जी और 3जी नेटवर्क हैं. लद्दाख के गलवान घाटी क्षेत्र में चीनी सैनिकों के साथ एक सीमा पर झड़प के बाद, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, सरकार ने भारत में कई चीनी कंपनियों पर बैन लगाने का कदम उठाया है.इसी रणनीति के हिस्से के रूप में दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 17 जून को दोनों सरकारी टेलीकॉम को 4जी के रोल-आउट के लिए अपने टेंडर को रद्द करने के लिए कहा था.
धोत्रे ने यह भी बताया कि निजी टेलीकॉम कंपनियों में रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने अपने नेटवर्क में ‘जेडटीई और हुआवेई के किसी भी दूरसंचार उपकरण’ को शामिल नहीं किया है, जबकि भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ‘मल्टी-वेंडर’ रणनीति का पालन करते हैं, जिसमें चीनी विक्रेताओं के उपकरण भी शामिल हैं.वैसे सरकार ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को चीनी दूरसंचार उपकरण विक्रेताओं से सामान खरीदने पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन लाइसेंस मानदंडों के हिस्से के रूप में ऐसे विक्रेताओं के लिए ‘व्यापक सुरक्षा स्थिति’ का पालन किया जाता है.