विश्वपति वर्मा(सौरभ)
रामनगर ब्लॉक में 91 ग्राम पंचायत के सापेक्ष कई दर्जन गांवों में कूड़ेदान की स्थापना की गई है लेकिन स्थलीय पड़ताल के दौरान पता चला कि गांव में लगाये गए कूड़ेदान का उद्देश्य केवल सरकारी धन को हड़पने का है।
विकास खण्ड के मनौडी ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के प्रगति का जायजा लिया गया तो पता चला कि न तो ग्राम पंचायत में साफ सफाई है और न ही ग्राम पंचायत में लगाये गए कूड़ेदान का उपयोग ,ग्राम पंचायत के एक कोने में कूड़ेदान का एक सेट पड़ा हुआ दिखाई दिया।
ग्राम पंचायत बड़ोखर में लगाये गए कूड़ेदान भी गांव के गलियों में टूटे फूटे पड़े हुए दिखाई दिए यहां भी स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर कूड़ेदान का कोई उपयोग नही दिखाई दिया। यहाँ की हर गलियों में जहां गंदगी का अंबार है वहीं शौचालय योजना का निर्माण जोर शोर से करवाए जाने के बाद भी सड़क के दोनों छोर पर शौच करने वाले लोगों की संख्या भी भारी भरकम है।
इसी तरह बेलगड़ी ग्राम पंचायत में लगाये गए कूड़ेदान भी मात्र दिखावा बनकर रह गया है जो घूर गड्ढे पर रखकर स्वच्छ भारत मिशन के फर्जी उद्देश्यों को पूरा कर रहा है। ग्राम पंचायत में दर्जन भर कूड़ेदान लगाए गए हैं लेकिन कोई टूटा पड़ा हुआ है तो कोई खुद कूड़े के ढेर में दफन हो गया है ।
बाजार भाव से 4 गुणा दामों पर खरीदा गया कूड़ेदान
तहकीकात समाचार ने कूड़ेदान के भाव का पता लगाया तो बाजार में इसकी कीमत 1600 से लेकर 1800 के बीच पाया गया वहीं ग्राम पंचायतों द्वारा कूड़ेदान स्थापना के नाम पर 6500 से लेकर के दस हजार रुपये तक का भुगतान किया गया है ।
कूड़ेदान के लगाये गए कीमत और बाजार भाव जानने के बाद योजना के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की आशंका प्रतीत हुई है। सच तो यह है कि कूड़ेदान स्थापना के नाम पर ब्लॉक में करोड़ो रूपये का घोटाला हुआ है जिसमे अफसरों की भूमिका भी संदेहास्पद है।