ज्ञान-जानिए क्या है पंचायती राज व्यवस्था ,क्या है पंचायत समिति और क्या है उसकी भूमिका - तहक़ीकात समाचार

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शनिवार, 17 अक्टूबर 2020

ज्ञान-जानिए क्या है पंचायती राज व्यवस्था ,क्या है पंचायत समिति और क्या है उसकी भूमिका

विश्वपति वर्मा-

जिस तरहं से सदन को चलाने के लिए संसद की आवश्यकता होती है उसी तरहं पंचायत को चलाने के लिए ग्राम प्रधान की व्यवस्था की गई है-पंचायत समिति का एक परिचय

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत पंचायत समिति मध्यवर्ती पंचायत के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ग्राम पंचायत एवं जिला परिषद के बीच कड़ी का कार्य करता है। जिस प्रकार केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के प्रषासनिक एवं विधायी सम्बन्धी सारे कार्य संविधान के नियमों के अनुकूल संचालित होता है, उसी प्रकार पंचायत समिति के सारे कार्य पंचायत राज अधिनियम  के विभिन्न धाराओं एवं नियमों के अनुकूल संचालित होता है।
 

पंचायत समिति की मुख्य धारा एवं उससे संबंधित प्रावधानों का संक्षिप्त विवरण नीचे अंकित है:-

पंचायत समिति की संरचना

      लगभग 5000 की आबादी पर निर्धारित प्रत्येक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र से पंचायत समिति के लिये एक प्रतिनिधि पंचायत समिति सदस्य के रूप में मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है। पंचायत समिति में प्रादेषिक निर्वाचन क्षेत्र से सीधे चुनकर आये हुए सदस्यों के अतिरिक्त और भी निम्न सदस्य होते है :-

·                     
सामान्य स्थायी समिति

वित्त अंकेक्षण तथा योजना समिति

उत्पादन समिति

समाजिक न्याय समिति

शिक्षा समिति

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता समिति

लोक निर्माण समिति

प्रत्येक समिति में निर्वाचित सदस्यों में से अध्यक्ष सहित कम से कम तीन और अधिक से अधिक पाँच सदस्य होगें। प्रत्येक समिति अपने दायित्वों के प्रभावी निर्वहन के लिये विषेषज्ञो या लोक हित से सम्बध्द अधिकतम दो सदस्यों को कोऑप्ट (सहयोजित) कर सकती है।

   प्रमुख सामान्य स्थायी समिति तथा वित्ता, अंकेक्षण तथा योजना समिति का पदेन सदस्य और अध्यक्ष होगा तथा प्रत्येक समिति के लिये एक अध्यक्ष नामित करेगा। उप-प्रमुख सामाजिक न्याय समिति का अध्यक्ष होगा।  प्रमुख उपर्युक्त दो समितियों सहित तीन से अधिक समितियों के अध्यक्ष का प्रभार नही रेखेगा, परन्तु प्रत्येक समिति में कम से कम एक महिला सदस्य होगी तथा समाजिक न्याय समिति में एक सदस्य अनुसूचित जाति या अनुसूचित जन जाति का होगा।

 पंचायत समिति का निर्वाचित सदस्य तीन से अधिक समितियों का सदस्य नही होगा।

  कार्यपालक पदाधिकारी सामान्य स्थायी समिति तथा वित अंकेक्षण एवं योजना समिति का पदेन सचिव होगा। प्रत्येक अन्य स्थायी समिति के सचिव के रूप में जिलापदाधिकारी या उनके द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी जो प्रखण्ड स्तरीय सम्बध्द विभाग का प्रभारी होगा उसे सचिव के रूप में नामित करेगा।

उत्पादन समिति& कृषि, भूमि विकास, लघु सिंचाई एवं जल प्रबंधन, पशुपालन, दुग्धशाला, कुक्कुट एवं मत्स्यपालन, वानिकी प्रक्षेत्र, खादी ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों तथा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों से संबंधित कार्यों का निष्पादन करेगी।

·सामाजिक न्याय समिति- निम्नलिखित से संबंध्द कृत्यों का निष्पादन करेगी।

अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनतातियों तथा अन्य कमजोर वर्गों की शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा अन्य हितों का प्रोत्साहन

ऐसी जातियों एवं वर्गों का सामाजिक अन्याय तथा अन्य सभी प्रकार के शोषणों से सुरक्षा प्रदान करना।

 महिलाओं तथा बच्चों का कल्याण

शिक्षा समिति- प्राथमिक, माध्यमिक, जन-शिक्षा सहित, पुस्तकालयों एवं सांस्कृतिक कार्यकलाप संबंधी कार्य करेगी।

·लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता समिति& लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता संबंधी कृत्यों का निष्पादन करेगी।

लोक निर्माण समिति& ग्रामीण आवास, जलापूर्ति श्रोत सड़क एवं आवागमन के अन्य माध्यमों एवं ग्रामीण विद्युतीकरण एवं संबंध्द कार्यों के निर्माण एवं अनुरक्षण सहित सभी प्रकार के कार्य करेगी।

समितियों की प्रक्रिया

पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव, उसके कार्य संचालन तथा उनसे सम्बध्द सभी मामलों में विनियम बना सकेगी।

प्रत्येक समिति का अध्यक्ष समिति के कार्यों के मामले में पंचायत समिति के कार्यालय से कोई सूचना, विवरणी, विवरण लेखा या प्रतिवेदन मंगवाने तथा पंचायत समिति के किसी भी अन्य सम्पति या समिति से संबंधित कार्य की प्रगति के निरूपन और निरिक्षण का हकदार होगा।

प्रत्येक पंचायत समिति को यह अधिकार होगा कि वह समिति के कार्य से संबंध्द पंचायत समिति के किसी पदाधिकारी को अपनी बैठक में उपस्थित होने की अपेक्षा करें। समिति के अनुदेशों के अधीन सचिव सूचना निर्गत करेगा और पदाधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेगा।

प्रमुख की शक्ति, कार्य और दायित्व

 प्रमुख, पंचायत समिति की बैठक का आयोजन, अध्यक्षता तथा संचालन करेगा;

पंचायत समिति या स्थायी समिति के निर्णयों का कार्यान्वयन सुनिष्चित करायेगें;

पंचायत समिति की वित्तीय और कार्यपालिका प्रषासन पर पूर्ण नियंत्रण रखेगा;

पंचायत समिति क्षेत्र (प्रखंड) में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित जान माल को तत्काल राहत देने के लिये उसे एक वर्ष में कुल पच्चीस हजार रूपये तक की राषि स्वीकृत करने की शक्ति होगी परन्तु पंचायत समिति की अगली बैठक में प्रमुख ऐसी स्वीकृत राषि का ब्यौरा पंचायत समिति की स्वीकृति हेतु रखेगा।

पंचायत समिति की निधि

  प्रत्येक पंचायत समिति में पंचायत समिति के नाम से एक पंचायत समिति निधि का गठन किया जाएगा और जमा खाते में निम्नलिखित प्रकार की राशि जमा की जायगी :-

(i)    केन्द्र एवं राज्य सरकार, जिला परिषद एवं स्थानीय प्राधिकरण द्वारा दिये गये अंशदान या अनुदान

(ii)    केन्द्र अथवा राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत ऋण यदि कोई हो अथवा पंचायत समिति द्वारा अपनी सम्पति से उगाही राशि।

(iii)   अपने द्वारा उगाहे गये पथ कर, उपशुल्क और शुल्क आदि।

(iv)   पंचायत समिति में निहित या उसके द्वारा निर्मित या इसके नियंत्रण और प्रबंधन के अधीन किसी विद्यालय अस्पताल, औषधालय, भवन, संस्थान अथवा किसी निर्माण की बावत हुई सभी प्राप्तियाँ।

(v)    उपहार या अंशदान के रूप में प्राप्त सभी रकम और पंचायत समिति के पक्ष में किसी भी न्यास धर्मदाय से प्राप्त सभी आय।

(vi)   जुर्माना तथा अर्थदण्ड से वसूले गये राशि

(vii)   पंचायत समिति द्वारा प्राप्त अन्य सभी राशियाँ।

      पंचायत समिति वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर (जो किसी अन्य अधिनियम के अधीन निबंधित न हो), तीर्थ स्थलों, हाटों, मेलों में सफाई व्यवस्था के लिए शुल्क, जल शुल्क, विद्युत शुल्क तथा संपत्तिा कर (उक्त सभी प्रकार की आवासीय एवं वाणिज्यिक संपत्तिायों पर कर) आदि वसूल कर सकेगी। सरकार द्वारा नियमावली के गठन के बाद एवं अधिसूचित शुल्क/ फीस के आधार पर शुल्क वसूल कर सकेगी।

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