भारत के लिए आईएमएफ का यह अनुमान, जून में किए गए पूर्वानुमान से बहुत नीचे है, जिसमें कहा गया है कि कोरोनोवायरस महामारी की वजह से उभरते बाजारों में सबसे बड़ा संकुचन देखने को मिल सकता है. मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों की जीडीपी का यह आंकड़ा मौजूदा कीमतों पर आधारित है. जून में आईएमएफ के पिछले पूर्वानुमान में कहा गया था कि उत्पादन 4.5 प्रतिशत कम हो जाएगा.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)-वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO)की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे गरीब देश बनने की ओर अग्रसर है. केवल पाकिस्तान और नेपाल की प्रति व्यक्ति जीडीपी ही भारत से कम होगी जबकि बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देश भारत से आगे होंगे.
हालाँकि, IMF ने अनुमान जताया है कि 2021 में प्रभावशाली 8.8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वापसी कर सकता है. इस प्रकार सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था की स्थिति को फिर से हासिल करते हुए भारत चीन की अनुमानित विकास दर 8.2 प्रतिशत को पार कर सकता है.