कोविड -19 रोगियों के समुचित उपचार और अस्पतालों में कोरोना रोगियों के शवों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना (Coronavirus) के हालात पर चिंता जताई. जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि दिल्ली में हालात बदतर हो गए हैं. हम चाहते ह़ै कि सरकार ने क्या व्यवस्था की है, उस पर विस्तार से हलफनामा दाखिल किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम में तेजी से मौजूदा समय बढ़ रहे कोविड मामलों के प्रबंधन, मरीजों को सुविधा समेत अन्य व्यवस्थाओं पर स्टेटस रिपोर्ट दो दिन में मांगी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सुन रहे हैं कि इस महीने में केसों में भारी बढोतरी हुई है. हम सभी राज्यों से एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं. यदि राज्य अच्छी तरह से तैयारी नहीं करते तो दिसंबर में इससे भी बदतर चीजें हो सकती हैं. उच्चतम न्यायालय ने स्थिति से निपटने के लिए उठाए गए कदमों, मरीज़ों के प्रबंधन और वर्तमान स्थिति पर चार राज्यों से रिपोर्ट मांगी है.
दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि कोरोना से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. ASG संजय जैन ने कहा कि बड़े स्तर पर निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित हैं. हमने सभी निर्देशों का पालन किया है. जवाब में कोर्ट ने कहा अच्छी बात है, लेकिन मौजूदा हालात पर आप क्या कहेंगे. वकील ने कहा कि हमने अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं. कोर्ट ने कहा कि आप इस मुद्दे पर स्पष्ट स्टेटस रिपोर्ट मौजूदा हालात के हिसाब से दाखिल करें.
गुजरात सरकार को SC की फटकार
महामारी के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य में बेलगाम समारोहों, शादियों और कार्यक्रमों के लिए SC ने गुजरात सरकार को फटकार लगाई है. जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद गुजरात में हालात सबसे खराब हैं. आपकी नीति क्या है? क्या हो रहा है? यह सब क्या है? अदालत ने कहा कि चार राज्यों में हालात बहुत खराब हैं. लापरवाही के चलते कोविड महामारी बढ़ रही है. अगली सुनवाई शुक्रवार 27 नवंबर को होगी.