केंद्रीय गृह मंत्रालय की इकाई बीपीआर एंड डी ने बताया कि पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या 215,504 है, जो भारत में कुल पुलिस बल का 10.30 फीसदी है. पिछले वर्ष की तुलना में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में 16.05 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल आदि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या महज 2.98 फीसदी है. इन बलों में कुल 29,249 महिला जवान हैं.आंकड़ों के मुताबिक, केंद्रीय सशस्त्र बलों (सीएपीएफ) में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 1,109,511 है, लेकिन एक जनवरी 2020 तक सीएपीएफ में कुल 982,391 कर्मचारी काम कर रहे थे, यानी 1,27,120 कर्मचारियों की कमी है.बीपीआर एंड डी ने बताया कि सीएपीएफ में महिला कर्मचारियों की संख्या 29,249 है जो कुल क्षमता का 2.98 प्रतिशत है.सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, (सीआईएसएफ) भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और असम राइफल्स शामिल हैं.प्रति पुलिसकर्मी अनुमन्य आबादी (पीपीपी) 511.81 है और जनसंख्या के लिहाज से स्वीकृत पुलिस अनुपात (पीपीआर) प्रति एक लाख की आबादी पर 195.39 पुलिसकर्मी हैं.पुलिस क्षेत्र अनुपात (पीएआर) प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पर 79.80 पुलिसकर्मी है. आंकड़ों के मुताबिक, देश में 800 पुलिस जिले हैं और स्वीकृत थानों की संख्या 16,955 है.कुल राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन 318 हैं और पुलिस आयुक्तालयों की संख्या 63 है. बीपीआर एंड डी ने बताया कि राज्यों एवं केंद्र शासित पुलिस के पास कुल 202,925 पुलिस वाहन हैं.इसके अलावा 460,220 सीसीटीवी कैमरे हैं. सरकार ने 2019-20 में व्यय और पुलिस प्रशिक्षण में 1,566.85 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.बीपीआर एंड डी ने बताया कि उसने पुलिस संगठनों से जुड़े एक जनवरी 2020 तक के आंकड़े जारी किए हैं. उसने कहा कि बीपीआर एंड डी 1986 से वार्षिक आधार पर ‘पुलिस संगठनों से जुड़े आंकड़े’ (डीओपीओ) प्रकाशित करता रहा है.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जनवरी 2020 को एक जनवरी 2019 तक का डीओपीओ जारी किया था. उसने एक बयान में बताया कि बीपीआर एंड डी के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि किसी खास वर्ष का डीओपीओ उसी साल के दौरान जारी किया गया है. आंकड़ों के सत्यापन के लिए खासे प्रयास किए गए हैं.बता दें कि बीते सितंबर महीने में केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी थी कि बीएसएफ और सीआरपीएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में एक लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हैं.केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में सबसे अधिक 28,926 खाली पद हैं, इसके बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में 26,506, केंद्रीय औद्योगिकी सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में 23,906, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में 18,643, भारत तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी में 5,784 और असम राइफल्स में 7,328 पद रिक्त हैं.इससे पहले बीते फरवरी महीने में रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाईक ने राज्यसभा में बताया था कि रक्षा मंत्रालय में दो लाख से अधिक पद रिक्त हैं.उन्होंने बताया था कि रक्षा मंत्रालय में 239,740 पद रिक्त पड़े हैं जिनमें से 3,782 पद समूह क के 34,289 पद समूह ख के और 201,669 अन्य पद हैं.नाईक ने बताया था कि सेना में अधिकारियों के 6,867 पद तथा जीसीओ एवं ओआर के 36,517 पद रिक्त हैं. उन्होंने बताया कि नौसेना में अधिकारियों के 1,500 पद तथा नौसैनिकों के 15,590 पद रिक्त हैं. इसके अलावा वायु सेना में अधिकारियों के 425 पद तथा वायुसैनिक के 10,425 पद रिक्त हैं.
अलग-अलग राज्यों के पुलिस बल में कुल 5.31 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. इसी तरह सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भी 1.27 लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हैं.पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) ने मंगलवार को बताया कि भारत में विभिन्न पुलिस बलों में 2019 में 119,069 कर्मचारियों की भर्ती की गई है.आंकड़ों के मुताबिक, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों में कुल 2,623,225 पद स्वीकृत हैं, जबकि सेवा में 2,091,488 पुलिसकर्मी हैं. लिहाजा विभिन्न राज्यों के पुलिस बल में एक जनवरी 2020 तक 531,737 पद खाली पड़े थे.इन आंकड़ों में नागरिक पुलिस, जिला सशस्त्र पुलिस, विशेष सशस्त्र पुलिस और भारतीय रिजर्व बटालियन के पद शामिल हैं.