सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- सरकार द्वारा भारत के गांव को समग्र एवं समेकित विकास के क्षेत्र में समृद्ध बनाने के लिए भारी-भरकम बजट खर्च किया जा रहा है ताकि 7 दशक बाद गांधीजी के ग्राम स्वराज के सपने को पूरा किया जा सके लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की निरंकुशता के चलते सरकार द्वारा जारी किया गया बजट बंदरबट और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर खत्म हो जा रहा है।
जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर बस्ती बांसी मार्ग के संपर्क मार्ग पर स्थित रुधौली ब्लॉक के मैनी ग्राम पंचायत के लोगों ने 10 वर्ष पूर्व शायद यही सोचा होगा कि अब ग्राम पंचायत के लोगों को पंचायत से जुड़ी दस्तावेजों और योजनाओं को पाने के लिए दूर नही जाना पड़ेगा क्योंकि इस गांव में मिनी सचिवालय का निर्माण जो हुआ था लेकिन अधिकारियों की निरंकुशता के चलते जहां आज तक मिनी सचिवालय में एक भी काम नही शुरू हो पाया वहीं निवर्तमान प्रधान की उदासीनता के चलते मिनी सचिवालय खण्डहर में तब्दील हो गया ।
एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत मिशन चला रही है लेकिन दूसरी तरफ ग्राम पंचायत मैनी में डस्टबिन और स्वच्छता के नाम पर भारी-भरकम धन खर्च करने के बाद भी ग्राम पंचायत गंदगी के ढेर पर टिका हुआ है , ग्राम पंचायत में डस्टबिन के नाम पर जुलाई 2020 में 1 लाख 34 हजार 200 रुपया खर्च किया गया वहीं स्वच्छता के नाम पर ₹34000 खर्च किया गया लेकिन पूरे गांव में गंदगीयों और कूड़ों का ढेर दिखाई दे रहा है ,इसके अलावा ग्राम पंचायत में वर्ष 2019 में अंडरग्राउंड नाली निर्माण के नाम पर लगभग 4 लाख रुपया खर्च किया गया लेकिन ग्राम पंचायत से पानी निकासी की ठोस व्यवस्था नही बन पाई ।
ग्राम वासियों को स्वच्छ जल मुहैया कराने को लेकर भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से लेकर जल निगम तक अथक प्रयास किए जा रहे हैं वही ग्राम पंचायत में लगाए गए हैंडपंप को रिबोर करने एवं उसके मरम्मत करने के नाम पर ग्राम पंचायत में बड़ा धन खर्च कर जा रहा है उसके बाद भी ग्राम पंचायत के लोगों को दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
वहीं ग्राम पंचायत में लगाया गया एक और हैंडपंप मरम्मत के अभाव में खड़ा है लेकिन जिम्मेदारों द्वारा स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के ढांचे को मजबूत करने के लिए कोई सुधि नही ली गई ।
भारत सरकार द्वारा देश के गरीब लोगों को आवास दिया जा रहा है लेकिन ग्राम पंचायत में जिम्मेदार जनों की लापरवाही और निरंकुशता के चलते प्राथमिकता को दरकिनार कर आवास का आवंटन किया गया है। ग्राम पंचायत की निवासिनी लक्ष्मी देवी ने बताया कि उनके पास रहने के लिए घर नहीं है वह टीन शेड के एक जर्जर मकान में अपने दो बच्चों के साथ जीवन यापन कर रही हैं लेकिन आवास के नाम पर उन्हें आज तक आश्वासन के अलावा और कुछ नही मिला।
ग्राम पंचायत में बन रहे सार्वजनिक शौचालय का काम अभी पूरा तो नही हो पाया है लेकिन जिस तरह से इसका निर्माण हो रहा है यह अपने उद्देश्य की तरफ भी नही पहुंच पायेगा , गांव में जो शौचालय का निर्माण हो रहा है उसकी पूरी दीवाल बिना DPC (Dump Proofing Course ) के ही खड़ा कर दिया गया है जबकि मानक के अनुसार नींव और दीवाल के बीच DPC होना चाहिए था।
ग्राम पंचायत में अव्यवस्था के सम्बंध में ग्राम पंचायत अधिकारी फैज अहमद से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नही हो पाया ।
इस सम्बंध में खण्ड विकास अधिकारी विमला चौधरी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी योजना को धरातल पर पूर्ण रूप से क्रियान्वित करने के लिए काम किया जा रहा है लेकिन यदि मैनी गांव में स्वच्छता और अन्य मद के पैसों में हेर फेर किया गया होगा तो संबंधित लोगों पर आवश्यक कार्यवाई की जाएगी।