मासिक धर्म भारत में अब भी एक वर्जना है और समाज में लोग इस विषय पर बात करने में असहज महसूस करते हैं। इसके साथ-साथ मासिक धर्म प्रक्रिया पर जानकारी तथा मासिक धर्म प्रबंधन के लिए उचित जरूरतों का अभाव भी है। समाज में इस विषय पर व्याप्त वर्जना लड़कियों तथा महिलाओं को अपनी जरूरतों की मांग करने से रोकता है तथा खराब मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन की समस्या को व्यापक रूप से नजरंदाज कर दिया जाता है अथवा गलत समझा जाता है
उत्तम मासिक धर्म स्वच्छता लड़कियों तथा महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा तथा गरिमा के लिए आवश्यक है। किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता पर पर्याप्त जानकारी तथा कौशल से लैश करना तथा इसका प्रबंधन जानकारी युक्त बनाना, उनके स्वाभिमान को संबर्धित करने तथा शैक्षिक कार्य निष्पादन में सकारात्मक प्रभाव डालने में मदद करता है।
मासिक स्वच्छता जागरूकता को लेकर राजधानी लखनऊ में बदलाव संस्था की ओर से माहवारी स्वस्थ्य एवं स्वच्छता पर जागरूक करने हेतु सामुदायिक जागरूकता ड्राइव का आयोजन सेक्टर पी, दुबग्गा में किया गया।
कार्यक्रम में सम्मिलित प्रतिभागियों ने अपने माहवारी से सम्बंधित अनुभवों को चित्रों एवं स्लोगनों के माध्यम से व्यक्त किया जिसे समुदाय के सामने प्रदर्शित किया गया जिसपर प्रतिभागियों एवं समुदाय के लोगों में माहवारी को लेकर संवाद स्थापित हुआ।
इस मौके पर बदलाव संस्था के संस्थापक/ कार्यकारी निदेशक शरद पटेल एवं प्रोग्राम मैनेजर, भावना राई ने वहाँ मौजूद सभी हितभागियों से माहवारी पर बातचीत की और उन्हें मिथको एवं गलत धारणाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित किया। 2019 से भारत में इसी दिन मेंस्ट्रुअल हेल्थ अवेयरनेस डे भी मनाया जाता है। सभी ने अपने हाथ के पीछे लाल गोला बना कर इस मुद्दे पर अपनी एकता दिखाई।
इस ड्राइव को जबरदस्त जागरिकस प्रियंका, अभिमन्यु एवं आकांक्षा ने बदलाव, लखनऊ की ओर से "बी ए जागरिक" फेज २ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया जो ICPD के मुद्दों पर कार्य कर रही है। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में 7 संस्थाए मिल कर UNFPA India और REC लिमिटेड के सहयोग से कर रही है।