सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- 1.96 लाख करोड़ रुपया खर्च करके सरकार ने भले ही स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर वैश्विक स्तर पर वाहवाही बटोर ली हो लेकिन धरातल पर पहुंचने के बाद स्वच्छ भारत मिशन का वास्तविक स्थिति और उद्देश पूरी तरह से फेल दिखाई देता है ।तहकीकात समाचार के ग्राउंड रिपोर्ट में बस्ती जनपद में शौचालय की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार किया गया है जिसने पता चला है जनपद के अधिकांश ग्राम पंचायतों में शौचालय भ्रष्टाचार के दलदल में डूब गया है वही गांव ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्त हो गया है ।
रामनगर ब्लॉक की कौलपुर ग्राम पंचायत में हमारी टीम ने समीक्षा किया तो पता चला ग्राम पंचायत के कई दर्जन लाभार्थियों के घर शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है वही गांव में बनाए गए कुछ शौचालय का प्रयोग दूसरे कार्यों के लिए हो रहा है ।
यह शौचालय ग्राम पंचायत में बनवाया गया था लेकिन अब यह दुकान के रूप में प्रयोग हो रहा है ।
ग्राम पंचायत में इस हनुमंत के घर इस शौचालय का निर्माण हुआ लेकिन अभी तक इसका काम पूरा नही हो पाया लाभार्थी ने बताया कि 6 हजार रुपये का चेक मिला था जिसपर काम हुआ था उसके बाद पैसा नही मिला काम नही हुआ।
ग्राम पंचायत में बना यह शौचालय भी जिम्मेदार जनों पर सवाल खड़ा करता है तस्वीर में लाल साड़ी में इंद्रावती देवी हैं और दूसरी लाभार्थी हैं
इस शौचालय की स्थिति भी आप देख लीजिए
इस शौचालय के बारे में क्या कहना है आप खुद ही कह लीजिए
इसी तरह से गांव में दर्जनों शौचालय पड़े हुए हैं अब सवाल पैदा होता है कि पीएम मोदी को यह किसने बताया कि पूरा देश खुले में शौच से मुक्त हो गया है।