सौरभ वीपी वर्मा
उर्मिला देवी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के अंतर्गत अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत की रहने वाली हैं ,वें पिछले 5 सालों से कृषि क्षेत्र में काम करते हुए फसलों एवं सब्जियों को उगाने का काम कर रही हैं
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज हमने उर्मिला देवी से बात चीत किया तो उन्होंने बताया कि वह सब्जियों की खेती पर निर्भर हैं और इसी से परिवार का जीविकोपार्जन कर रही हैं ,साथ ही बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी इसी खेती से उठा रही हैं लेकिन उन्होंने बताया कि महिला होने के नाते कई प्रकार की चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है।
उर्मिला देवी बताती हैं कि वह खेती के कार्य को बहुत ही मेहनत से करती हैं लेकिन महिला होने के नाते कई मुश्किलों की वजह से चिंता बढ़ जाती है ,उन्होंने कहा कि खेतों की सिंचाई करने के लिए दूसरे लोगों के बोरिंग का सहारा लेना पड़ता है इस लिए इस काम के लिए काफी भागदौड़ करना पड़ता है । एक दूसरी समस्या को बताते हुए उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों से फसलों एवं सब्जियों को बचाने के लिए रात्रि में भी खेत की रखवाली जरूरी है लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से रात्रि में खेतों का देख रेख संभव नही हो पाता है जिससे फसल और सब्जियों को काफी नुकसान होता है।
सरकारी अनुदान के बारे में उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली अनुदान के बारे में उन्हें कोई जानकारी नही है , न ही कभी किसी ने इस तरह की योजनाओं के बारे में जानकारी दिया और न ही कभी सरकारी दफ्तरों में इन सब के बारे में जानने के लिए जा मिलता है उन्होंने कहा कि सरकारी अनुदान का फायदा मिले तो आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आ सकता है।
फिलहाल जो भी है उर्मिला देवी ने क्षेत्र में महिला किसान के तौर पर अपने आप को स्थापित किया है अब जरूरी यह है कि सरकार की तरफ से दी जाने वाले लाभ का फायदा इन्हें मिले तो जहां इनके आर्थिक स्थिति में सुधार होगा वहीं महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण देखने को मिलेगा।