सौरभ वीपी वर्मा
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2021) को लेकर भले ही हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए 2015 को आधार मानकर आरक्षण लागू करने के आदेश के साथ चुनावी तारीखों में देरी कर दिया है लेकिन सरकार और चुनाव आयोग ने चुनाव करवाने के लिए तेजी कर दिया है ।
मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए. प्रदेश में पंचायत चुनाव 4 चरणों में कराए जाएंगे. साथ ही प्रत्येक मंडल में एक चरण में एक ही जिले में चुनाव कराया जाएगा. इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया. आयोग के मुताबिक, यदि किसी मंडल में जिलों की संख्या 4 से अधिक है तो वहां पर किसी एक चरण में दो जिलों में एक साथ चुनाव कराए जाएंगे ।
दिशा-निर्देश में यह भी कहा गया है कि इस बार पोलिंग पार्टी में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त तीन मतदान कर्मी नियुक्त किए जाएंगे. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिले के सभी विकास खंडों में एक साथ चुनाव कराने से पोलिंग पार्टियों के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों की आवश्यकता मंडल के दूसरे जिले से पूरा किया जाएगा. इसका निर्णय मंडलायुक्त करेंगे.
इस बार एक ही मतपेटी में पड़ेंगे सभी वोट
राज्य चुनाव आयोग ने इस बार सभी पदों के लिए मतपत्र एक ही मतपेटी में डालने का निर्णय लिया है. यानी एक ही मतपेटी में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के मतपत्रों को डाला जाएगा. एक मतपेटी भरने के बाद दूसरी मतपेटी का प्रयोग किया जाएगा. तीसरी मतपेटी की आवश्यकता पड़ने पर पीठासीन अधिकारी संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट को सूचित करेंगे. जिसके बाद संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट तीसरी मतपेटी उपलब्ध कराएंगे. इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेटों को मतदान के दिन मतदान केंद्रों के निरीक्षण के दौरान अपने वाहन में अतिरिक्त मतपेटियों को रखने का निर्देश दिया गया है.