उनके घर का रास्ता थोड़ा संकरा है, इसलिए वहां जेसीबी मशीन जाने में मुश्किल हो रही थी, लेकिन उन्होंने ड्राइवर से कहा कि वह किसी तरह भी उनके घर तक आ जाए. तमाम मुश्किलों के बीच JCB मशीन घर पहुंची, बेटों ने JCB मशीन से ही अपने पिता के शव को चारपाई समेत उठवाया. बाद में पिता को जेसीबी से ही खेत ले जाया गया, वहां बेटों ने पहले से खुदे गड्ढे में पिता को डालकर जेसीबी से ही उस पर मिट्टी भरवा दी. इसके बाद बेटों और पोतों ने स्नान किया. तब उन्हें तसल्ली हुई कि अब वे कोविड से नहीं मरेंगे. उनके एक पोते ने बताया कि दादा का अंतिम संस्कार इस तरह इसलिए किया गया क्योंकि कोरोना में ऐसा ही हो रहा है.
उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में कोविड-19 से पिता की मौत के बाद डरे हुए बेटों ने पिता के शव को कंधा न देकर जेसीबी से उठाकर ज़मीन में दफना दिया.मामला संतकबीर नगर के परसा शुक्ला गांव का है, यहां राम ललित नाम के एक किसान बीमार हो गए. इलाज के लिए उन्हें गोरखपुर ले जाया गया तो पता चला कि वे कोविड पॉजिटिव हैं. बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. हालांकि राम ललित के तीन जवान बेटे और कई पोते हैं, लेकिन उनके बेटों को लगा कि पिता के शव को कंधा देने से कहीं उनकी भी कोविड के कारण मौत न हो जाए. लिहाज वे किराए पर एक JCB मशीन लेकर आए, इसकी मदद से उन्होंने अपने खेत में एक गहरा गड्ढा खुदवाया. फिर यह मशीन अपने घर ले गए.