सौरभ वीपी वर्मा
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत टड़वा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना (मनरेगा) के जिम्मेदार लोगों ने लापरवाही की हद को पार करते हुए स्वयं को हंसी के पात्र बना दिया है।टड़वा गांव के निवासी मोहम्मद लईफ ने एडवोकेट कुंवर ब्रह्मदेव उपाध्याय के द्वारा शिकायत करते हुए बताया कि गांव के मृतक बकरीदी पुत्र दूल्हा के नाम से फर्जी डिमांड नोट तैयार कर मृतक व्यक्ति के नाम से मस्टररोल जारी कराकर 18 नवंबर 2020 से 24 नवंबर 2020 तक ग्राम पंचायत में फर्जी तौर पर पंचायत घर का निर्माण दिखाकर मृतक बकरीदी की उपस्थिति 7 दिनों तक रोजगार सेवक रामचंद्र द्वारा दर्ज किया गया जिसके आधार पर कार्यक्रम अधिकारी ने मृतक बकरीदी के संबंधित बैंक खाते में बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा बेवा में 7 दिन की मजदूरी आहरित करने का आदेश दिया उसके बाद ग्राम प्रधान अब्दुल गफ्फार ने मृतक बकरीदी का हस्ताक्षर व निशानी आगूठा मस्टररोल पर स्वयं लगा कर मृतक के खाते से पैसा निकाल लिया गया ।
इसी प्रकार गांव के बिरजा की मृत्व वर्ष 2018 में हो गई थी लेकिन फर्जी तरीके से मृतक के खाते में पैसा भेजा गया ताकि सरकारी धन का बंदरबांट किया जा सके ।शिकायतकर्ता ने बताया कि इसी प्रकार से गांव के दो और मृतक के खाते में मनरेगा का पैसा भेजा गया ।
शिकायतकर्ता ने बताया कि इस मामले की शिकायत पहले भी की गई जिसमें तत्कालीन प्रधान अब्दुल गफ्फार, सचिव हरिशंकर सिंह,रोजगार सेवक राम चंद्र मनरेगा तकनीशियन ,कार्यक्रम अधिकारी एक षणयंत्र के तहत अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ कर निकाली गई धनराशि को छिपाने का प्रयास किया गया । शिकायतकर्ता ने दूसरे विभाग के अधिकारियों द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच करावाने की बात की है।