सौरभ वीपी वर्मा
जरा विचार कीजिए कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्क्रिप्ट कौन लिखता है जिसमे झूठ के सिवा आज तक कुछ लिखा ही नहीं गया 7 दशक बाद हिंदुस्तान को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो अपने भाषणों के दम पर देश के अंतिम पंक्ति में खड़े हुए व्यक्ति की जेहन को हाईजैक कर लेता है ।
सोचिए... देश के प्रधानमंत्री चुनावी जनसभा में कहते हैं कि मैं चाहता हूं की हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई जहाज में बैठे । आप समीक्षा कीजिए , इस देश के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के पास जाइए , गांव में जाइए , किसानों के पास जाइए , गरीब लोगों के पास जाइए और देखिए की देश के लोगों के हालात क्या है !
यहां तो हवाई चप्पल किसानों के पैर में आ जाए तो वह अपना तरक्की मान रहा है हवाई जहाज में बैठने के सपने को तो वह गेहूं ,धान ,अरहर ,आलू प्याज पैदा करके और बेंच कर देख ही नही सकता है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों ने दबाकर रखा है जो कड़ी मेहनत के बाद फसलों को तैयार कर बेचने के बाद भी नही पा रहे हैं।
और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास और तरक्की के नाम पर इस देश के 100 करोड़ से अधिक लोगों का खून इंजेक्शन से निकाल कर यह बता रहे हैं कि देश के किसान और बेरोजगार आर्थिक रूप से सम्पन्न हो रहे हैं।
सच तो यह है कि कारपोरेट घरानों के सहारे चल रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार अब भाजपा की सरकार नहीं है , यह मोदी की सरकार है , और मोदी की सरकार यानी कि उद्योगपतियों की सरकार , यानी कि पूजीपतियों की सरकार , यानी कि गरीबों , शोषित , वंचित ,किसानों बेरोजगारों के अधिकार को ठगने और लूटने वालों की सरकार है जहां लोकतांत्रिक व्यवस्था के रास्ते इस देश के नागरिकों का शोषण जगह-जगह किया जा रहा है।