चंडीगढ़: सोनीपत की वरिष्ठ महिला पत्रकार इंदू बंसल पर पिछले दिनों किए गए साइबर अटैक के मामले को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संज्ञान में लिया है। महिला पत्रकार द्वारा इस मामले में शिकायत किए जाने के बाद सोनीपत पुलिस द्वारा लंबे समय से कार्रवाई नहीं की जा रही थी लेकिन यह मामला मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचने के बाद वहां से कार्रवाई को लेकर उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री के ट्विटर अकाउंट पर एसएमएस के माध्यम से पीड़ित महिला पत्रकार का मोबाइल नंबर मांगा गया है जिसे पत्रकार ने उपलब्ध करा दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से भेजे गए संदेश में लिखा गया था कि कृपया अपना मोबाइल नंबर बताएं ताकि संबंधित विभाग से संपर्क किया जा सके। पीड़ित पत्रकार इंदू बंसल ने सरकार से गुहार लगाई है कि इस मामले में शीघ्र कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
इंदू बंसल ने बताया कि पिछले दिनों कुछ साइबर अपराधियों ने मेरा फोन हैक कर डाटा उड़ाने की कोशिश की। किन्हीं कारणों से उन्होंने अपना फोन बंद कर रखा था जिसे समय-समय पर खोलकर अपडेट करती रहती थीं। पिछले 7 अप्रैल 2020 को महिला पत्रकार को जानकारी हुई कि उनके फोन पर एमआई क्लाउड ने लॉक लगा दिया और उनका फोन नहीं खुला। बाद में उन्हें पता चला कि किसी ने उनके फोन का डाटा खत्म करने की कमांड दे रखी है। साइबर अपराध करने वालों ने ऐसा 2 बार 6 और 12 फरवरी 2020 को किया, जिसके पुख्ता सबूत उन्हें एमआई क्लाउड पर मिले।
महिला पत्रकार ने इस मामले में कार्रवाई के लिए पिछले 27 मई 2020 को ही सोनीपत पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया था जिसमें उन्होंने उल्लेख भी किया था कि उन्हें पूर्व में झूठे मुकदमे में फंसाने का प्रयास करने वाले जिन अपराधियों के खिलाफ़ जांच के बाद मुकदमा झूठा पाए जाने पर ipc की धारा 182 के तहत मुकदमा भी दर्ज है, ये ही अपराधी इस साइबर अटैक में संलिप्त हैं। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि इसका कारण यह है कि सोनीपत के नांगल खुर्द निवासी आशीष पंचाल व मुकेश पंचाल मेरे साथ धोखाधड़ी करने के अपराध में प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के आदेश पर गठित एसआईटी की जांच में दोषी पाए गए और दोनों के खिलाफ सिटी थाना शहर सोनीपत में धारा 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में दोनों आरोपियों ने जिला एवं सत्र न्यायालय सोनीपत से जमानत लेने का प्रयास भी किया लेकिन कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज करते हुए पुलिस को उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने का आदेश दिया जबकि अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
महिला पत्रकार ने बताया कि सोनीपत पुलिस को सब कुछ बताए जाने और न्यायालय के आदेश के बावजूद सोनीपत पुलिस अपराधियों को संरक्षण देती रही और किसी तरह की करवाई नहीं की। यहां तक कि आरोपियों के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आशिष पांचाल की जमानत अर्जी खारिज करते हुए गिरफ्तार करने का आदेश पुलिस को दिया है। फिर भी पुलिस द्वारा कार्रवाई न करके हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना भी की जा रही है। अंततः अब मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले में संज्ञान लिए जाने के बाद कार्रवाई होने की उम्मीद जगी है। पीड़ित पत्रकार इंदू बंसल ने कहा कि एक मीडिया कर्मी के साथ अपराधियों और पुलिस का इस तरह का दुर्व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री महोदय से विनम्र निवेदन है कि इस मामले में अति शीघ्र कार्रवाई की जाए।