इस देश में गरीबी ,बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के साथ बढ़ रहा थानों पर अंग्रेजी हुकूमत की तरह बर्बरता - तहक़ीकात समाचार

ब्रेकिंग न्यूज़

Post Top Ad

Responsive Ads Here

रविवार, 22 अगस्त 2021

इस देश में गरीबी ,बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के साथ बढ़ रहा थानों पर अंग्रेजी हुकूमत की तरह बर्बरता

सौरभ वीपी वर्मा 

जनता का खून चूस कर सत्ता का हनक दिखाने वाली सरकार में मोदी कार्यकाल के दौरान देश के नागरिकों का जो हस्त्र हो रहा है वह शायद ही भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में कभी ऐसा हुआ रहा होगा क्योंकि यहां गरीबी, बेरोजगारी के साथ थाना , तहसील और ब्लॉक में पहले से ज्यादा भ्रष्टाचार बढ़ गया है।

वर्ष 2014 में जिस रसोई गैस की कीमत ₹450 थी आज उसकी कीमत सीधे दोगुना होकर ₹900 हो चुकी है 2014 से लेकर 2021 तक के महंगाई के आंकड़े को देखेंगे तो खाद्य पदार्थ से लेकर खाद्य तेल और ईंधन में दोगुने दामों की बढ़ोतरी हुई है।

इन 7 सालों के कार्यकाल के दौरान देश में ऐसा कोई भी इतिहासिक कार्य नहीं हुआ है जिससे आमजन को राहत मिला हो और जिससे ऐसा लगा हो कि भारतीय नागरिकों से लिया जा रहा टैक्स जायज है स्थिति यह है कि 23 करोड़ से ज्यादा लोग अति गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं।

निश्चित तौर पर भारत सरकार या उत्तर प्रदेश की सरकार या किसी प्रांतीय सरकार द्वारा उसके नागरिकों से जो टैक्स लिया जा रहा है वह देश के विकास कार्य के नाम पर ही लिया जा रहा है लेकिन इस दौरान भारत सरकार द्वारा इस देश के संसाधनों के बेचने के अलावा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया जिससे इस देश के मान-सम्मान और संसाधनों में वृद्धि हुई हो।

 सबका साथ सबका विकास के नाम पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुट्ठी भर लोगों का विकास हुआ है ।आंकड़े उठाकर के देखेंगे तो इस दौरान विकास के नाम पर देश का ही नहीं बल्कि देश के नागरिकों का भी विनाश हुआ है  । भ्रष्टाचार मुक्त की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार में यदि आंकड़े उठाकर के देखेंगे तो पहले के मुकाबले 20 गुना ज्यादा भ्रष्टाचार बढ़ा है । तहसील ,थाना और ब्लॉक पर पहले से ज्यादा भ्रष्टाचार बढ़ गया है ।

जिस तहसील पर काश्तकारों का काम दो-चार दिन में हो जाता था आज उसी तहसील पर अच्छा खासा सुविधा शुल्क लेने के बाद भी नागरिकों का काम आसानी से नहीं हो पा रहा है । ब्लाक की सुविधाएं भी आसानी से नही मिल पा रहा है।

आजकल तो उत्तर प्रदेश के थानों की बात करें तो अंग्रेजी हुकूमत से ज्यादा बर्बरता यूपी के थानों पर हो रहा है थाने पर जाने वाले फरियादियों से उनकी फरियाद सुनने के लिए हल्का सिपाही से लेकर दरोगा तक हजार ₹2000 शुल्क लिया रहा है । थाने पर पहुंचने वाली शिकायत के बाद यदि दोनों पक्षों का समझौता हो गया हो तो भी थाने पर बैठी पुलिस दोनों पक्षों से सुविधा शुल्क लेकर ही मामले का निस्तारण करती है । एक लाइन की बात यह है उत्तर प्रदेश के थानों पर बैठे पुलिस के लोगों द्वारा बस दिनभर रास्ता देखा जाता है कि कौन सा फरियादी फरियाद लेकर आ रहा है ताकि 1000 - 2000 का काम बन जाए । और मामला कहीं थोड़ा सा गंभीर लगने लगे तो 10 ,20 , 50 हजार भी पुलिस को कम लगता है तो इसी प्रकार से भ्रष्टाचार मुक्त वाली सरकार इस देश और प्रदेश में चल रही है ।

 कम शब्दों में ज्यादा बात यह है कि सरकार निरंकुश हो चुकी है जहां जनता की समस्याओं के समाधान के बजाए उसका खून चूसा जा रहा है  ।देश के नागरिकों के पास रोजगार नही है , सड़कें बदहाल हैं , स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था ध्वस्त है , शिक्षा की व्यवस्था पूरी तरह से बंद कर दी गई है , चिकित्सा व्यवस्था की हाल भी वेंटिलेटर पर पहुंच चुकी है , पुलिस थाना ब्लॉक से लेकर सरकारी संस्थाओं में भ्रष्टाचार और असमानता बरकरार है उसके बाद भी सबका साथ और सबका विकास की बात इस देश में हो रही है ।

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages