अमरीका ने किया तालिबान को सत्ता हस्तांतरण ,दुनिया को करता रहा गुमराह ,इन आंकड़ों से समझिए कैसे? - तहक़ीकात समाचार

ब्रेकिंग न्यूज़

Post Top Ad

Responsive Ads Here

मंगलवार, 31 अगस्त 2021

अमरीका ने किया तालिबान को सत्ता हस्तांतरण ,दुनिया को करता रहा गुमराह ,इन आंकड़ों से समझिए कैसे?

सौरभ वीपी वर्मा

आप माने या ना माने लेकिन जब अफगानिस्तान की वास्तविक स्थिति पर आप समीक्षा करेंगे तो पता चलेगा कि taliban तालिबान को सत्ता देने के लिए अमेरिका का चाल था , उसके बाद उसके 13 सैनिकों की शहादत के बाद भी वह पूरी दुनिया गुमराह करता रहा।

सोचिए दुनिया के सुपर पावर देश के पास ऐसी कौन सी मुसीबत आ गई कि उसको लगभग 7 लाख करोड़ से ज्यादा का अत्याधुनिक हथियार और उपकरण को तालिबान के हाथों देकर आना पड़ा।

एक आंकड़े के मुताबिक अमेरिका ने अफगानिस्तान में या कहें तालिबान को जितना कुछ सौंप दिया है वह रक्षा उपकरणों के मामले में दुनिया के टॉप देशों में शामिल हो  हो गया है।

 अमरीका ने अफगानिस्तान में जो छोड़ा है उसमें 75,898 वाहन ,29,681 विस्फोटक निष्क्रिय करने वाले उपकरण ,16191 इंटेलिजेंस सर्विलांस और टोही उपकरण ,1,62,643 कमन्यूकेशन इक्यूपमेंट , 5,99,690 अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हथियार 208 विमान  ,358530 रायफल , 126295 पिस्टल ,64364 मशीनगन , 25327 ग्रेनेट लांचर,9877 रॉकेट ,2,606 motar एवं तोप  ,928 विस्फोट से बचने वाले वाहन ,1005 क्रेन ,8998 सैन्य वाहन ,2,21,74 हमवी वाहन ,42,604 हल्के सैन्य वाहन, 189 बख्तरबंद गाड़ियां ,16135 नाइट विजन डिवाइस , 120 रेडियो मॉनिटरिंग सिस्टम , 22 ग्राउंड सर्विलांस सिस्टम , 8 चालक रहित विमान, 6 सर्विलांस बलून ,60 ट्रांसपोर्ट एयरप्लेन ,110 हेलीकॉप्टर , 20 हमलावर विमान ,18 इंटेलिजेंस सर्विलांस विमान शामिल है।

अब आप स्वयं से विचार कीजिए कि आखिर अमेरिका और तालिबान में ऐसी कौन सी संधि हुई है जिसके चलते अमेरिका को 7 लाख करोड़ से ज्यादा का उपकरण अफगानिस्तान में छोड़कर आना पड़ा ।

निश्चित तौर पर इस बात को ध्यान में रखना होगा कि अमेरिका ने पूरी दुनिया को गुमराह करते हुए खासकर भारत जैसे देशों को गुमराह करता रहा।

  नई दिल्ली और काबुल की दूरी 1000 किलोमीटर के आसपास है वहीं काबुल और अमेरिका की दूरी 11 हजार किलोमीटर से अधिक है लेकिन अमेरिका अपने मकसद में सफल हो गया क्योंकि उसमें 20 सालों में कितना खर्च किया है अब तालिबान के माध्यम से उससे ज्यादा कमाने का उसके पास मौका मिल गया है । 

क्योंकि अफगानिस्तान में लोहे, तांबे, कोबाल्ट, सोने और लीथियम के बड़े भंडार मौजूद हैं जिसमे सबसे बड़े खनिज भंडार लोहे और तांबे के हैं और इनकी मात्रा काफी ज्‍यादा है. ये इतनी मात्रा में हैं कि अफगानिस्तान इन खनिजों में दुनिया का सबसे बड़ा देश बन सकता है जिसकी कीमत 3 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा है। और अब अमरीका की नजर इसी पर है जो तालिबान के साथ नरम व्यवहार करके प्राप्त कर सकता है ।

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages