सौरभ वीपी वर्मा
गांव के समग्र विकास के लिए ग्राम प्रधान तथा चयनित वार्ड सदस्य गांव के नागरिकों के साथ मिल बैठ कर गांव के विकास की रूपरेखा तैयार करते हैं ,कार्ययोजना बनाते हैं इसके लिए सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत भवन बनवाए हैं ताकि यहां खुली बैठकों का आयोजन हो सके और एक ही छत के नीचे ग्रामपंचायत के कई सारी सुविधाओं का लाभ गांव के नागरिकों को मिल सके लेकिन लाखों करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी आज तक मिनी सचिवालय और पंचायत भवन अपने उद्देश्य की तरफ नही बढ़ पाए।
इस वक्त में सरकार का जोर है कि ग्राम पंचायत में बने पंचायत भवन और मिनी सचिवालय को हाईटेक किया जाए , विकासखंड स्तर पर मिलने वाली सारी सुविधाओं का लाभ ग्राम पंचायत में मिले इसके लिए पंचायत भवन में नई तैनाती भी की जा रही है लेकिन सवाल इस बात का है क्या जर्जर पंचायत भवन के सहारे गांव की सरकार चल पाएगी?
सल्टौआ विकासखंड के अंतर्गत अमरौली शुमाली ,देईपार , करमहिया ,आमा , जगतापुर ,साड़ी कल्प समेत 17 से अधिक मिनी सचिवालय और ग्राम पंचायत ऐसे हैं जो एक दशक पहले बने थे ,पंचायत भवन और मिनी सचिवालय का रखरखाव ना होने की वजह से वर्तमान में स्थिति यह है कि अधिकांश भवन जर्जर हो गए हैं , उसके बाउंड्री वाल टूट गए हैं , फर्श टूट गए हैं ,खिड़कियां उखड़ गई हैं , दरवाजे टूट गए हैं पाइपलाइन पानी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है , बिजली व्यवस्था बाधित हो गई है इसके अलावा आवागमन की व्यवस्था भी नहीं है।
ये तस्वीर ब्लॉक के अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत में बने मिनी सचिवालय का है जो देख रेख और रख रखाव के अभाव में जर्जर हो गया ,भवन जहां पूरी तरह से छतिग्रस्त हो गया है वहीं बाउंड्रीवाल भी टूट कर गिर गया है । अब देखना यह होगा कि इस जर्जर भवन को सुधारने पर काम होगा या फिर कागजों में गांव की संसद चलती रहेगी।