तालिबानी लड़ाकों ने उत्तरी अफगानिस्तान के एक और शहर पर कब्ज़ा कर लिया है। तालिबान ने बदख्शां की राजधानी फैजाबाद पर कब्ज़ा कर लिया है। बदख्शां प्रदेश ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और चीन से बॉर्डर साझा करता है। बदख्शां के प्रांतीय परिषद सदस्य जवाद मुजादीदी ने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि फैजाबाद में एक लंबी लड़ाई के बाद, सरकारी सुरक्षा बल पड़ोसी जिलों में पीछे हट गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक़ तालिबान ने पिछले एक हफ्ते में नौ प्रदेशों की राजधानियों पर कब्ज़ा कर लिया है।
उधर काबुल में भारतीय दूतावास ने अफ़ग़ानिस्तान में सभी भारतीयों से आग्रह किया है कि बढ़ते संघर्ष के बीच व्यावसायिक उड़ानें बंद होने से पहले वे तत्काल वहाँ से निकलने की व्यवस्था कर लें. तालिबान के लड़ाके मज़ार-ए-शरीफ़ के बाहरी इलाक़ों में पहुँच गए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगान नेताओं से अपनी मातृभूमि के लिए लड़ने की अपील की है। अफगानिस्तान से सेना की वापसी के फैसले को लेकर उन्होंने कहा है कि मुझे कोइ पछतावा नहीं है। हमने पिछले 20 सालों में हज़ारों अमेरिकी सैनिकों खोए हैं और एक ट्रिलियन से अधिक खर्च किया है। हम अफगानिस्तान सेना को हवाई सहायता के साथ ही उपकरण, खाना और पैसे दे रहे हैं।
प्रभावशाली अफगानों से मदद मांग रहे गनी
अफगानिस्तान सरकार ने पाकिस्तान पर तालिबान को सपोर्ट देने के लिए अमेरिका से दबाव बनाने की अपील की है। हालांकि पाकिस्तान तालिबान का समर्थन करने से इनकार करता रहा है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी इस बात को समझ रहे हैं कि चीज़ें बहुत तेजी से हाथ से निकल रही हैं। यही कारण है कि वह अब पुराने प्रभावशाली अफगान लोगों से संपर्क कर मदद की अपील कर रहे हैं। गनी मजार-ए-शरीफ में भी स्थानीय नेताओं से मिलने वाले हैं। वह बुधवार सुबह ही यहां पहुंचे हैं।
बदख्शां प्रदेश का तालिबान के कब्जे में जाना अफगानिस्तान सरकार के लिए बड़ा झटका है। अफगान सरकार तालिबान के हमलों को रोकने में नाकाम हो रही है। हालिया दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान के करीब दो तिहाई से अधिक इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया है। हेरात और कंधार जैसे प्रमुख शहरों में तालिबान की लड़ाई अफगान सुरक्षा बलों से जारी है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि कम से कम 12 प्रदेश की राजधानियों को सीधे तौर पर तालिबान से खतरा है।