देश भर की ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का जो आलम है वह किसी से छिपा नही है लेकिन उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के एक ग्राम पंचायत में इंटरलॉकिंग सड़क की जांच करने पहुंचे डीपीआरओ से ग्राम सचिव ने कहा कि साहब यहीं तो सड़क बनवाई थी लगता है चोरी हो गई ,यह सुनने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए।
जिले के नौगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत अमृतपुर में घोटाले की शिकायत पर जांच करने पहुंचे डीपीआरओ को मौके पर इंटरलॉकिंग की सड़क नहीं मिली। जबकि पंचायत सचिव गुड्डू प्रसाद ने डीएम को बताया था कि बलवंत यादव के घर के पास इंटरलॉकिंग की सड़क बना दी गई है। पूछताछ में ग्राम सचिव ने कहा कि साहब, सड़क तो यहीं बनाई थी, लगता है वह चोरी हो गई।
इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए डीपीआरओ ने कहा कि सड़क कैसे चोरी हो सकती है, अगर चोरी हुई तो मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराए। गांव के शिकायतकर्ता विनोद कुमार यादव ने जिलाधिकारी को बताया था कि प्राथमिक विद्यालय विनायकपुर में टाइल्स, प्राथमिक विद्यालय बिंद्रावन में स्नानागार तथा इंटरलॉकिंग की सड़क का निर्माण कराए बिना लाखों रुपये की धनराशि का बंदरबांट कर लिया गया है। इसमें लापरवाही करने पर शनिवार को ही एडीओ पंचायत प्रेमचंद्र को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
डीएम के निर्देश पर अमृतपुर गांव में निरीक्षण करने पहुंचे डीपीआरओ ब्रह्मचारी दुबे को इंटरलॉकिंग की सड़क मौके पर नहीं मिली। जबकि पंचायत सचिव ने डीएम को बताया था कि बलवंत यादव के घर के पास इंटरलॉकिंग की सड़क बना दी गई है।
पूछताछ में मौके पर मौजूद सचिव बार-बार यही कहते रहे कि साहब, सड़क तो यहीं बनाई थी, लगता है वह चोरी हो गई।
वहीं 171 शौचालय के निर्माण में भी खामियां मिलीं। डीपीआरओ ने पंचायत सचिव गुड्डूू प्रसाद को चेतावनी दी कि अब तुम्हें जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता। के अलावा ग्राम प्रधान चंद्रशेखर यादव भी मौजूद थे।