सरकार गांव के लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़े , राजकीय मार्ग से जोड़े ,प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं खड़ंजा से भी जोड़े । लेकिन इस बात का निश्चित तौर पर ध्यान देना जरूरी है कि जिन गांवों को सड़कों से जोड़ा जा रहा है उस गांव से पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह से सुनिश्चित हो।
ये तस्वीर जनपद के साऊंघाट ब्लॉक के मरवटिया गांव की है जिसके बगल से राष्ट्रीय राजमार्ग निकलता है। गांव के बगल राजमार्ग बनने से गांव से पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई लेकिन आज तक पानी निकासी की व्यवस्था के लिए मुकम्मल इंतजाम नही किया गया।
जिसका परिणाम है कि पूरा गांव पानी से भर गया ,घर में भी पानी घुस गया साथ ही पशुओं और जानवरों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई । गांव के अगल बगल रहने वाले कीड़े ,मकोड़े ,सांप और बिच्छू भी पानी में डूबने लगे तो गांव वालों के घरों में उन्होंने अपना जगह बना लिया।
इस गंभीर विषय को लेकर गांव वालों ने संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी के नाम मांग पत्र देकर राष्ट्रीय राजमार्ग मरवटिया के बगल जल निकासी के लिए नाला बनवाने एवं राजमार्ग की वजह से बंद पड़े नालों एवं पुलिया बहाल करवाने की मांग की गई । लेकिन अभी तक प्रशासन या राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कोई गंभीरता नही दिखाया।
राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से जहाँ लोगों को राहत मिला है वहीं पानी निकासी की व्यवस्था न होने से मरवटिया गांव के लोगों को विनाश के रास्ते पर खड़ा कर दिया है गांव में जहां घर और रास्ते पानी में डूब गए हैं वही यहां के किसानों की फसलें हर वर्ष बरसात में बर्बाद जाती है । किसानों की मांग है कि पानी निकासी के लिए नाले का निर्माण किया जाए।