सौरभ वीपी वर्मा
भले ही देश-विदेश मे भारतीय युवा आईटी,राजनीतिक ,शिक्षा समाजसेवा आदि के क्षेत्र मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं,लेकिन इन्ही युवावों मे जिस्मफरोशी , फिरौती ,तस्करी , जैसी विसंगतियों की भी कमी नही है
भारत एक ऐसा देश है जंहा की साठ फीसदी आबादी युवा है जिनकी उम्र 13 से 35 वर्ष है लेकिन यह बहुसंख्यक युवा अपने ही देश मे उचित नेतृत्व की कमी और टेक्नोलॉजी आधारित संरचनाओं की कमी को महसूस कर रहा है ।
देश के उत्तर प्रदेश,दिल्ली,हरियाणा,पंजाब राजस्थान बिहार और सीमा से सटे सभी राज्यों के युवा केवल उचित संसाधन के कमी के कारण अपनी आजीविका मे वृद्धि नही कर पा रहे हैं और उसका परिणाम है की ये तस्करी और फिरौती के धंधे को तेजी से अंजाम दे रहे हैं ।
ऐसे कृत कार्यो को अंजाम देकर वें इस मुकाम पर जा रहे हैं जंहा से उन्हे वास्तविक जिंदगी मे लौट कर आना मुश्किल है ,ऐसी स्थित मे पुरुष ही नही कोमल हाथो वाली मजबूर लड़कियां भी अनुचित कार्यों मे कदम बढा रही हैं ,इनके लिये धोखा और जिस्मपरोशी जैसे धंधे आम है ।
आखिर एक बात निश्चित है की रोजगार के कमी के कारण ही ये युवा समाज अपने आप को अंधकार के तरफ ढकेल रहे हैं ,ऐसी स्थित मे देश प्रदेश की सरकारों को चाहिये की हर प्रदेश मे फैक्ट्रीयाँ ,कूटीर धंधे,पुश्तैनी धंधे ,नौकरी आदि के माध्यम से रोजगार का बढावा दे ताकि ये समाज ऐसी निकिष्ट कार्यों के तरफ जाने से अपने आप को रोक सके ,अन्यथा आने वाले वाले दिनों में देश सूडान और मंगोलिया जैसे देशों के साथ मुकाबला करेगा।