बस्ती- प्रबुद्ध वर्ग के समाज से जुड़े किसानों ने जनपद के अमरौली शुमाली में कैंडल मार्च निकालकर लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर किसान चिंतक रामबुझारत मौर्या ने कहा कि इसी समाज का एक हिस्सा किसानों को आतंकवादी और खालिस्तानी कह रहा है और इन सबके साथ भी वह किसानों को मारने और उनकी दशा को खराब करने के लिए मुट्ठी भर लोग खड़े हुए हैं।
मंगलवार को शाम 6 बजे हुए इस श्रद्धांजलि अर्पित कार्यक्रम में किसानों ने एकजुट होकर कहा कि निरंकुश सरकार 135 करोड़ की आबादी में से मात्र आधा दर्जन उद्योगपतियों को आगे बढ़ाने के लिए तीन कृषि कानून लाने का काम किया है और इसके विरोध में जब देश के किसानों ने प्रदर्शन करना शुरू किया तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार और इससे जुड़े नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं ने किसानों को आतंकवादी तक भी कहा है लेकिन सरकार को यह बात समझना चाहिए कि किसान किसी के उकसाने से भड़कने वाला नहीं है । किसान इमानदारी और मेहनत से अपना काम करता है और अपनी जीविका के लिए स्वयं पर विश्वास करता है इसलिए सरकार को इस बात को समझना चाहिए कि किसानों के खेती को बर्बाद करने की बजाय उनके हित में काम करना जरूरी है।
किसानों ने अमरौली शुमाली के रामनगर चौराहे पर कैंडिल मार्च निकालकर लखीमपुर खीरी हमले की निंदा करते हुए मृतक किसानों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर किसान समर्थकों ने कहा कि किसानों का आवाज को दबाने का प्रयास किया गया लेकिन किसान डर के भागने वाला नहीं है।
कैंडिल मार्च में मुख्य रूप से प्रभकार वर्मा ,मेवालाल यादव ,रामचन्द्र यादव ,महंत यादव , राजमंगल वर्मा ,प्रभकार पटेल ,रामसेवक बौद्ध , राकेश पटेल समेत दर्जनों किसान शामिल थे।