नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन की हंगामेदार शुरुआत हुई है. राज्य सभा से 12 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गए हैं. मॉनसून सत्र में हंगामा करने के लिए सांसदों के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है.उच्च सदन के जिन 12 सांसदों को सस्पेंड किया गया है उनके नाम एल्मारम करीम (माकपा), फुलो देवी नेताम (कांग्रेस), छाया वर्मा (कांग्रेस), रिपुन बोरा (कांग्रेस), बिनोय विस्वाम (भाकपा), राजमणि पटेल (कांग्रेस), डोला सेन ( तृणमूल कांग्रेस), शांत छेत्री ( तृणमूल कांग्रेस), सैयद नासिर हुसैन ( कांग्रेस), प्रियंका चतुर्वेदी ( शिवसेना), अनिल देसाई (शिवसेना) और अखिलेश प्रसाद सिंह ( कांग्रेस) हैं.
संजय सिंह, प्रताप सिंह बाजवा को इसलिए सस्पेंड नहीं किया गया क्योंकि उनका मामला दस अगस्त का था. जिन्हें सस्पेंड किया गया उनका मामला 11 अगस्त का है जो मॉनसून सत्र का अंतिम दिन था, इसीलिए उनके खिलाफ आज कार्रवाई की गई है. दूसरी ओर, विपक्ष का कहना है कि 12 सांसदों का निलंबन नियमों के खिलाफ है. नियम 256 के अनुसार सदस्य को सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित किया जाता है. चूंकि मॉनसून सत्र 11 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है ऐसे में इस सत्र में सदस्यों का निलंबन गलत है.
विपक्ष के सदस्यों ने निलंबन को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और सांसद मनोज झा ने कहा कि अगर निलंबन वापस नहीं हुआ तो संभवत समूचा विपक्ष पूरे शीतकालीन सत्र का बहिष्कार करेगा. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'मैं चेयरमैन से मिलूंगी. अगर बात नहीं सुनी गई तो कोर्ट में चेलैंज करूंगी. दूसरी ओर, बीजेपी कोटे से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने NDTV से बातचीत करते हुए कहा कि विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित किया गया है क्योंकि उन्होंने मॉनसून सत्र के दौरान सदन में अराजकता फैलाई थी और सदन की मर्यादा का उल्लंघन किया था.