जनप्रतिनिधियों द्वारा सरकारी दफ्तरों का रंग बदलकर प्रदेश में बेबुनियाद कार्यों पर बल दिया जा रहा है। जबकि अभी यूपी के गांव में बहुत सारे कार्यों पर चिंतन मंथन करने की आवश्यकता है ।
यह वही कार्यालय है जहां से गांव के विकास की गाथा लिखी जाती है लेकिन अब कार्यालय राजनीतिक पार्टी का अड्डा बन गया है आये दिन विकास खंड के दफ्तरों में भाजपा ,आरएसएस आदि के द्वारा कब्जा करके राजनीतिक लाभ पर चर्चा की जाती है । जबकि यह दफ्तर प्रशासनिक व्यवस्था को चलाने एवं योजनाओं के क्रियान्वयन के उद्देश्य से बना है लेकिन सभी नियमों कानूनों को ताक पर रखकर सत्ता के हनक पर सरकारी दफ्तरों को पार्टी का कार्यालय बना दिया गया है।