सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती-केंद्र और प्रदेश की सरकार किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए तमाम प्रकार के दावे कर रही हैं और उसके लिए सरकार द्वारा धरातल पर काम भी किया रहा है लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते किसानों की स्थिति लगातार हाशिए पर जाती हुई दिखाई दे रही है वहीं किसानों के नाम पर लाई गई योजनाएं मात्र हाथी दांत बनकर रह जाती हैं ।
जनपद के सल्टौआ गोपालपुर ब्लॉक परिसर में 65 लाख रुपए की लागत से बहुउद्देशीय किसान कल्याण केंद्र का निर्माण कराया गया है , भवन पूरी तरह से तैयार हो गया है लेकिन अभी तक इस भवन का उद्देश यहां के लोगों और किसानों के समझ में नहीं आया है । स्थिति यह है कि यह भवन अब धूल फांक रहा है।
जिस उद्देश्य इस भवन का निर्माण किया गया है उस पर कार्य शुरू हो जाए तो यहां के किसानों को जिला मुख्यालय पर खाद बीज के लिए भागदौड़ नहीं करना पड़ेगा उन्हें एक ही छत के नीचे कृषि से संबंधित संपूर्ण जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकती है लेकिन अभी तक इस भवन में न तो अधिकारी आए न कर्मचारी आए ना ही किसी योजना की शुरुआत की गई ।
केंद्र शुरू होने पर किसानों को मिलेगा यह लाभ
हर माह किसानों की बैठक सभागार में आयोजित होनी चाहिए ,प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षण के लिए सुविधा मिलेगी ,खाद बीज, यंत्र व अन्य सामानों की खरीद के लिए पंजीकरण कराना आसान होगा ,ब्लॉक मुख्यालय पर खाद-बीज के गोदाम से उन्हें बीज व खाद की आपूर्ति हो सकेगी । रवी, खरीफ व जायद की गोष्ठियों में किसानों को शिरकत कराया जाएगा। इसके अलावा कृषि से जुड़े कई सारे मुद्दे पर यहां डैशबोर्ड के माध्यम से जानकारी प्राप्त होगी एवं किसानों की आय को दोगुना करने के लिए नए-नए प्रयोगों एवं तरीकों पर चर्चा की जाएगी अब देखना होगा कि यह केंद्र किसानों की हित में कब से काम करना शुरू करेगा।