सौरभ वीपी वर्मा
अजय मिश्र टेनी को बचाने वाली निरंकुश एवं बर्बर सरकार ने बता दिया है कि रसूखदार और सत्ताधारी लोगों के लिए कानून का कोई मतलब नहीं है । एक सिपाही जो प्यार प्रसंग की बात करता है जो कोई गुनाह नही है उसे लाइन हाजिर और बर्खास्त कर दिया जाता है वहीं एक मंत्री जो जानबूझकर किसानों की हत्या करवा देता है उसके ऊपर मोदी और योगी की सरकार एक्शन नही ले पाती है।
सच तो यह है कि योगी बाबा की औकात ही नही है कि वह अजय मिश्र के घर बुलडोजर भेज दें बुलडोजर और बंदूख की बात तो बाबा गिने चुने लोगों के लिए ही कर पाते हैं। योगी और मोदी सरकार रिपोर्ट में जानती है कि अजय मिश्रा ट्रेनी को बर्खास्त करने के बाद प्रदेश में राजनीतिक बर्चस्व कम होगा क्योंकि वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं इससे साफ होता है भाजपाइयों के लिए कानून कोई मायने नही रखता ऐसे में लगता है कि उन्हें तो वोट बैंक को बनाने के लिए देश में दंगा भी करवाना पड़े तो कोई गुरेज नहीं होगा।
इस देश के नागरिकों के लिए नेता मसीहा नहीं रह गए हैं इस देश में शोषित , वंचित लोगों के साथ इस देश के अधिकारी , कर्मचारी , नेता अभिनेता ,पत्रकार , चित्रकार , वकील , जज , डॉक्टर , इंजीनियर का कोई मसीहा है तो इस देश का किसान मसीहा है जो दिन-रात कड़ी मेहनत करके इस देश का किसान अपने खेतों में अन्य उपजाता जाता है और उसी अन्य के बलबूते इस देश की बड़ी और रसूखदार आबादी जिंदा रहती है लेकिन दुर्भाग्य है कि देश के किसानों को खुलेआम दिनदहाड़े सड़कों पर रौंद दिया जाता है लेकिन ऐसे मंत्री को बर्खास्त करने के लिए ना तो सरकार बोलती है और ना ही सरकार में बैठे निकम्मे लोगों को इस पर इसकी कोई परवाह होती है।