तमिलनाडु में बुधवार को भारतीय सेना को जो हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ, वह रूस से खरीदा गया Mi-17V-5 हेलीकॉप्टर है. इसे भारत ने साल 2008 में खरीदा था. इसे सामान की आपूर्ति के लिए दुनिया के सबसे आधुनिक हेलीकॉप्टर माना जाता है.
आवाजाही के लिए होता है इस्तेमाल
इस हेलीकॉप्टर को सैन्य और हथियारों की आवाजाही के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यही नहीं इसे फायर सपोर्ट, काफिले एस्कॉर्ट, पेट्रोल और सर्च-एंड-रेस्क्यू (SAR) मिशनों में भी तैनात किया जा सकता है.
इस हेलीकॉप्टर को साल 2008 में रूस से 1.34 अरब डॉलर में खरीदा गया था. इनकी आपूर्ति सितंबर 2011 में भारत को शुरू हुई थी.
हर मौसम में उड़ाया जा सकता है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हेलीकॉप्टर को हर मौसम में उड़ाया जा सकता है. इसमें खराब मौसम, प्रतिकूल वातावरण और दुर्गम इलाकों की चुनौतियों से निपटने की क्षमता है. एमआई-17वी5 को एक सशस्त्र हेलीकॉप्टर की श्रेणी में रखा जाता है.
ये हैं हेलीकॉप्टर की खासियत
यह हेलीकॉप्टर 13 हजार किलो की अधिकतम क्षमता के साथ उड़ान भर सकता है. यह 36 सशस्त्र सैनिकों को आंतरिक रूप से ले जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हेलीकॉप्टर 250 किमी प्रति घंटा की अधिकतर रफ्तार पकड़ सकता है. यह 6000 मीटर तक उड़ान भरने में सक्षम है. एक बार में यह 580 किमी की दूरी तय कर सकता है. इसे 26/11 के दौरान भी इस्तेमाल किया गया था.
इस हेलीकॉप्टर में लक्ष्य को निशान बनाने के लिए 8 फायरिंग पोस्ट हैं. MI-17V5 हेलीकॉप्टर शतर्म-5 मिसाइल्स, एस-8 रॉकेट, ए 23 मिमी मशीन गन, पीकेटी मशीन गन्स और एकेएम सब मशईन गन्स से लैस रहता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन सप्ताह पहले ईस्टर्न अरुणाचल प्रदेश में भी Mi-17 हेलीकॉप्टर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. इसमें दो पायलट और तीन क्रू मेंबर सवार थे. हालांकि, सभी सुरक्षित बच गए थे, लेकिन एक इंजीनियर को हल्की चोटें आई थीं.