सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- योगी सरकार जहां गौशालाओं पर लाखों रुपए खर्च करने की बात कह रही हैं वहीं चारे के अभाव में यह बेजुबान बीमार हो रहे हैं। जनपद में संचालित 92 गौशालाओं में समय से चारा-भूसा का पैसा भुगतान न होने से प्रधानों द्वारा अधिकांश गौशाला को बंद कर देना पड़ा वहीं जो गौशाला चल भी रहे हैं वहां पर चारा के पैसे का भुगतान न होने से वहां पर भी पशुओं को छोड़ने के हालात बन चुके हैं ।
रामनगर ब्लॉक में 13 गौ आश्रय स्थल का निर्माण हुआ था जिसमें चारा और मजदूरों के पैसों के संकट के चलते अधिकतर गौशाला बंद हो गए लेकिन जो चल भी रहे हैं वहां पर पिछले 11 महीनों से चारा और मजदूरी का भुगतान नही हुआ है।
बताते चलें योगी सरकार 30 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से एक जानवर पर चारे का बजट बनाकर दे रही थी लेकिन इस वक्त ऐसा संकट छाया हुआ है कि प्रधानों को अपने जेब से पैसा खर्च कर जानवरों को जिंदा रखा जा रहा है आलम यह कि जिन प्रधानों के पास इतने लंबे समय तक अपने खर्चे पर चारा और मजदूरी देने की व्यवस्था नहीं थी उन्होंने तो बंद कर दिया लेकिन कुछ ग्राम पंचायत में संचालित गौशाला से अब उन प्रधानों का मोहभंग हो गया है जो अभी तक जैसे तैसे पशुओं को पाल रहे थे ।