उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के खजाने से 700 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा गौशाला योजना में खर्च किया आज स्थिति यह है कि प्रदेश में एक भी गौशाला योजना सफल नही हुआ । यूपी के बस्ती में संचालित 92 गौशालाओं में से 85 से ज्यादा गौशाला बदहाली और आर्थिक तंगी के चलते बंद हो गए और वहां पर लाए गए पशु रातों रात कटने के लिए बिक गए लेकिन न तो योगी सरकार को दिखाई दिया न ही उनके गौरक्षकों को।
खैर योगी आदित्यनाथ 21वीं शताब्दी के सबसे नाकाम मुख्यमंत्री साबित हुए हैं क्योंकि बाबा योगी आदित्यनाथ के पास प्रदेश को चलाने के लिए न तो कोई विजन था और न ही कोई मिशन । आप विचार कीजिये और समझिए कि बाबा योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के खजाने और किसानों को किस तरह से बर्बाद किया है ।
प्रदेश में 1 लाख 58 हजार प्राइमरी और उच्च प्राइमरी विद्यालय हैं जिसमें से 66 हजार से ज्यादा विद्यालयों में बैठने की व्यवस्था नहीं है 30 हजार से ज्यादा विद्यालयों में टॉयलेट की व्यवस्था नही है लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस पर प्राथमिकता देना उचित नहीं समझा जबकि इनकी ही सरकार स्वच्छ भारत मिशन चला रही थी। अब आप समझ सकते हैं कि ये सरकारें गाय ,गोबर ,जाति धर्म की बात क्योंकि करती हैं ताकि आप बंटे और उलझे रहो और अपने बच्चों के लिए शिक्षा की बात न कर पाओ और फिर हिंदुत्व के नाम पर , राष्ट्र के नाम पर ,गाय माता के नाम पर उन्ही गायों और आवारा पशुओं से अपने फसलों को बर्बाद करवाओ ।