पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर कोर्ट ने केंद्र से कहा आपका नोटिस अपने आप में विरोधाभासी - तहक़ीकात समाचार

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सोमवार, 10 जनवरी 2022

पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर कोर्ट ने केंद्र से कहा आपका नोटिस अपने आप में विरोधाभासी

पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की हाई लेवल जांच होगी. सुप्रीम कोर्ट सुरक्षा खामियों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित करेगा. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द ही आदेश जारी करेंगे. साथ ही कोर्ट ने केंद्र और पंजाब दोनों को अपने-अपने पैनल द्वारा जांच पर रोक लगाने के लिए कहा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.

CJI एम वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा कि अगर केंद्र पहले से कारण नोटिस में सब कुछ मान रहे हैं तो कोर्ट में आने का क्या मतलब है? आपका कारण बताओ नोटिस पूरी तरह से विरोधाभासी है. समिति गठित करके आप पूछताछ करना चाहते हैं कि क्या SPG अधिनियम का उल्लंघन हुआ है? फिर आप राज्य के मुख्य सचिव और डीजी को दोषी मानते हैं. किसने उन्हें दोषी ठहराया? उन्हें किसने सुना?

आपका नोटिस अपने आप में विरोधाभासी - कोर्ट
कोर्ट ने कहा, जब आपने नोटिस जारी किया तो यह हमारे आदेश से पहले था. उसके बाद हमने अपना आदेश पारित किया. आप उनसे 24 घंटे में जवाब देने के लिए कह रहे हैं, यह आपसे अपेक्षित नहीं है. आप तो पूरा मन बना कर आए हैं. आपकी दलीलें बताती हैं कि आप सब कुछ पहले ही तय कर चुके हैं. तो फिर यहां इस कोर्ट में क्यों आए हैं? आपका नोटिस अपने आप में विरोधाभासी है. क्योंकि हमने सबको मना किया था किसी भी तरह का एक्शन लेने से. एक ओर SSP को नोटिस भेज रहे हैं और यहां उनको दोषी भी बता रहे हैं. ये क्या है? जांच के बाद हो सकता है आपकी बातें सच हों. लेकिन अभी आप यह सब कैसे कह सकते हैं? जब आप अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई की शुरुआत कर चुके हैं तो अब केंद्र सरकार हमसे कैसा आदेश चाहती है?

स्वतंत्र समिति बने- पंजाब सरकार
वहीं, पंजाब सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिला है. साथ ही कहा कि अगर अफसर दोषी निकलते हैं तो उन्हें टांग दिया जाए. पंजाब सरकार के वकील डीएस पटवालिया ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहता है तो इस मामले में अलग से जांच कमेटी का गठन कर दे. हम उस कमेटी में सहयोग करेंगे लेकिन हमारी सरकार और हमारे अधिकारियों पर अभी आरोप ना लगाया जाएं.


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