सौरभ वीपी वर्मा
यूपी -403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है , राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी किए जाने कि शुरुआत हो गई है । एक दौर था जब समाज में अपनी पैठ जमाने वाले लोग भी चुनावी मैदान में उतर कर सदन तक पहुंच जाते थे लेकिन एक दौर यह भी आ गया है की अब चुनाव करोड़पतियों एवं अरबपतियों का हो गया है ।अब यह जनता भी आम आदमी को सदन भेजना नहीं चाहती है । जो व्यक्ति समाज के शोषित वंचित वर्ग के लिए काम करता है गरीबी , बेरोजगारी , भुखमरी , भ्रष्टाचार और शिक्षा के लिए लड़ाई लड़ता है उसे सदन भेजने की बात नहीं की जाती है पूजी की ढेरों पर बैठे करोड़पति और अरबपतियों और उनके साथ चलने वाले दो चार बंदूकधारियों , टाटा सफारी एवं फार्च्यूनर गाड़ियों के काफिले वाले ग्लैमर नेताओं को राजनीतिक पार्टियों ने टिकट देने की परंपरा की शुरुआत कर दी है ।और जनता भी नोटा को खोटा साबित कर दौलत के देवी देवताओं को लोकतंत्र के मंदिर में भेजने के लिए मतदान कर रही है।
उत्तर प्रदेश में 2017 विधानसभा की बात करें तो 403 विधायकों में से 396 विधायक सदन में मौजूद है जिसमें से 313 विधायक करोड़पति हैं । जिन सात विधायकों की गैरमौजूदगी सदन में है वह सातों भी करोड़पति हैं इस तरह से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश की विधानसभा में 320 विधायक करोड़पति हैं । उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बात करें तो 10 विधायक विधायक 200 करोड़ के आंकड़ों को पार कर रहे हैं।
खैर जब जनता ही चाहती है कि हवा के झोंके में चलने वाले नेताओं को वोट देना तो राजनीतिक दलों का करोड़पतियों को टिकट देना मजबूरी है।