दिल दहलाने वाली इस घटना के बाद पूरे जिले में हड़कम्प मच गया। बताया जा रहा है कि 10 बार फोन करने के बावजूद भी एक भी एंबुलेंस करीब डेढ़ घंटे तक घटनास्थल पर नहीं पहुंची, जबकि घटनास्थल से अस्पताल की दूरी महज 3 किलोमीटर है। हालांकि पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। हादसे के बाद गांव वालों ने टॉर्च के जरिए ही बचाव कार्य शुरू कर दिया था। प्रशासनिक अधिकारी व डाक्टरों की टीम घटनास्थल पर मौजूद है।
पुलिस के अनुसार नौरंगिया ग्राम सभा के स्कूल टोले पर बुधवार की रात करीब 9 बजे एक मांगलिक कार्यक्रम में कुआं पूजन की रस्म के लिए महिलाएं व बच्चियां इकठ्ठा थीं। कुआं पानी से भरा हुआ था। भीड़ अधिक थी। बच्चियां व महिलाएं कुएं की मुंडेर और कुएं पर बने चबूतरे पर पर बैठीं थीं। कहा जा रहा है कि कुएं का चबूतरा कमजोर होने की वजह टूट गया जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। बच्चियां व महिलाएं कुएं में गिर गईं। उन्हें बचाने में भी कई महिलाएं कुएं में जा समायीं। अधिकारियों के अनुसार ये महिलाएं शादी के एक दिन पहले कुएं के पास मिट्टी कोड़ने की रस्म अदा करने पहुंची थीं। दो घंटे की मशक्कत के बाद 11 बच्चियों व दो महिलाओं को कुएं से निकालकर अस्पताल भेजा गया मगर तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। जिलाधिकारी के साथ तमाम प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी कुएं से और लोगों को निकालने में जुटे हैं।