भाजपा से गठबंधन होने के बाद से ही प्रतापगढ़ सदर सीट अपना दल (एस) को मिलती रही। 2017 में यहां अपना दल से संगमलाल गुप्ता विधायक बने। 2019 में संगमलाल के सांसद बनने के बाद उपचुनाव में फिर अपना दल (एस) से राजकुमार पाल यहां से विधायक बने। इस बार भी भाजपा ने यह सीट अपना दल (एस) के कोटे में दी थी लेकिन माता के चुनाव लड़ने से बेटी अनुप्रिया ने यह टिकट भाजपा को वापस कर दी है ।
प्रदेश में भाजपा-सपा के बीच छिड़ी चुनावी जंग के बीच प्रतापगढ़ की सदर सीट पर मां-बेटी के रिश्ते के आगे सारी सियासत धरी रह गई। सदर सीट से सपा की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल के नामांकन करते ही केंद्रीय मंत्री व अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने गठबंधन के कोटे से मिली इस सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा और प्रतापगढ़ की सदर सीट भाजपा को वापस कर दी।