उत्तर प्रदेश में 7वें और आखिरी फेज 7th phase voting की वोटिंग खत्म होने के साथ ही 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly elections 2022) भी खत्म हो गए. इसके बाद अब अलग-अलग चैनल और एजेंसियों के एग्जिट पोल (exit polls) का सिलसिला शुरू हो गया है लेकिन क्या इन एग्जिट पोल के दावों पर भरोसा (exit polls reliability) किया जा सकता है? ये कितने सही और सटीक होते हैं ? चलिए इसकी पड़ताल करते हैं
हमने पिछले 5 विधानसभा चुनावों का एनालिसिस (analysis of elections) किया है. जिसमें एग्जिट पोल के दावे खोखले साबित हुए.
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना महामारी के दौरान हुए पश्चिम बंगाल चुनाव (West Bengal election) बीजेपी और ममता बनर्जी ने पूरी ताकत के साथ लड़ा था. ज्यादातर एग्जिट पोल ने BJP को 100 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया, लेकिन जब नतीजे आए तो बीजेपी महज 77 सीटों पर सिमट गई. ममता बनर्जी की TMC ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई
बिहार विधानसभा चुनाव 2020
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election) में ज्यादातर चैनल और एजेंसियों ने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस गठबंधन (Congress Alliance) की जीत का दावा किया था. रिजल्ट आने पर बीजेपी और JDU गठबंधन ने तीसरी बार सरकार बनाई.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly elections) में ज्यादातर एग्जिट पोल बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को 200 पार दिखा रहे थे. इस चुनाव में एग्जिट पोल हवा का रुख भांपने में सही साबित हुए, लेकिन सीटों का अनुमान लगाने में फेल.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019
हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana assembly elections) में ज्यादातर एग्जिट पोल ने बीजेपी को 70 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया. नतीजे आए तो बीजेपी महज 40 सीटों पर सिमट गई.
अब उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव में एग्जिट पोल ने अपना दावा पेश किया है । 10 मार्च को देखना यह होगा कि एक्जिट पोल अपने दावे पर खरा उतर पाता है या फिर अबकी बार भी एग्जिट पोल की हवा निकल जाएगी