लेकिन, चुनाव आयोग के आंकड़ों का विस्तार से विश्लेषण करने पर पता चलता है कि जमानत गंवाने वाली ओवैसी की पार्टी ने इसके बावजदू कम से कम 7 विधानसभा सीटों पर अखिलेश यादव की साइकिल पंक्चर कर दी है और भाजपा के कमल को खिलना आसान बना दिया है।
मुरादाबाद (शहर) में जीत सकती थी सपा
उदाहरण के लिए मुरादाबाद (शहर) सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार रितेश कुमार को गुप्ता को कुल 1,48,384 वोट मिले और उन्होंनें समाजवादी पार्टी के मोहम्मद यूसुफ अंसारी को 782 मतों से पराजित कर दिया। अगर, मानकर चलें कि यहां पर ओवैसी के उम्मीदवार वाकी रशीद को मिले 2,661 वोट मुसलमानों के थे और वे सारे के सारे उनके चुनाव मैदान में नहीं रहने पर सपा उम्मीदवार के खाते में जाते तो भाजपा का कमल यहां पर मुरझाना निश्चित था। एआईएमआईएम के अलावा यहां बसपा और कांग्रेस के उम्मीदवार भी मुस्लिम थे और इससे भी सपा को नुकसान हुआ।
इसी तरह बाराबंकी जिले की कुरसी विधानसभा पर भाजपा के मौजूदा विधायक सकेंद्र प्रताप वर्मा सपा के राकेश कुमार वर्मा से सिर्फ 217 वोटों से जीते। यहां पर ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार कुमैल अशरफ खान को 8,541 इतना वोट मिले और ये अगर सपा में जाते तो नतीजा अलग हो जाता। इसी तरह सहारनपुर की नकुड़ सीट पर बीजेपी के मुकेश चौधरी ने सपा के धरम सिंह सैनी को 315 वोटों से हराया। यहां एआईएमआईएम की रिजवाना को 3,593 वोट मिले, जो कमल की जीत का कारण माना जा सकता है।
जौनपुर की शाहगंज सीट पर भी यही कहानी दोहरायी गई है। यहां समाजवादी पार्टी के शैलेंद्र यादव ललाई भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के उम्मीदवार रमेश से केवल 719 वोट से हार गए। यहां ओवैसी की पार्टी के मोहम्मद नायब अहमद खान को 8,128 वोट मिले। यहां पर कांग्रेस ने भी मुसलमान उम्मीदवार परवेज आलम को टिकट दिया और उन्हें भी 1,529 वोट मिले हैं।
सुल्तानपुर सदर सीट से बीजेपी के विनोद सिंह सपा के अनूप सिंह से सिर्फ 1,009 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। यहां पर एआईएमआईएम के मोहम्मद मिर्जा अकरम बेग को 5,251 वोट मिले हैं। भदोही की औराई सुरक्षित सीट पर इस बार बीजेपी के सीटिंग विधायक दीनानाथ भास्कर ने समाजवादी पार्टी के अंजनी सरोज को सिर्फ 1,647 वोटों से हराया है। जबकि, यहां पर ओवैसी के उम्मीदवार टेढाई को 2,190 वोट मिले हैं।
बिजनौर सीट पर इसी तरह से समाजवादी पार्टी की साइकिल पंक्चर हो गई है। यहां पर भाजपा प्रत्याशी सुचि ने सपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के नीरज चौधरी को 1,445 वोटों से हराया है। जबकि, इस सीट पर एआईएमआईएम के मोहम्मद मुनीर अहम को 2,290 वोट मिले हैं, जो कि भाजपा की जीत के अंतर से ज्यादा है।