सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- गांव के समग्र एवं समेकित विकास के लिए सरकार द्वारा राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त के द्वारा ग्राम पंचायतों को भारी भरकम बजट दिया जाता है ताकि गांव में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति हो एवं गांव भी विकास के पटल पर अपना परचम लहरा सके लेकिन स्थानीय स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार एवं बंदरबांट के चलते गांव का पैसा मुट्ठी भर लोग सुनियोजित ढंग से डकार ले रहे हैं और किसी को कुछ पता भी नही चल पा रहा है।बस्ती जनपद के रुधौली ब्लॉक के छपिया ग्राम पंचायत में योजनाओं की स्थिति एवं उसकी प्रगति की समीक्षा करने पर पता चला कि ग्राम पंचायत का पैसा जो गांव के विकास के लिए आया हुआ है उसे बंदरबांट करने के उद्देश्य से प्रधान और सचिव ने जबरदस्त प्लान तैयार कर लिया और 10 से 20 हजार रुपया खर्च करके ग्राम निधि के खाते से भरी भरकम बजट डकार लिया।
छपिया ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष में कूप मरम्मत का काम दिखाया गया जिसमें गांव में दो कुएं पर थोड़ा बहुत काम किया भी गया लेकिन बेहतर प्लान के साथ प्रधान और सचिव ने कुएं के मरम्मत के नाम पर खर्च हुई धनराशि से 10 गुना ज्यादा पैसा ग्राम पंचायत के खाते से खारिज कर लिया।
ग्राम पंचायत में राम जी पाण्डेय के घर के सामने कूप मरम्मत पर 19668 +16390+15809+63473 रुपया निकाला गया वहीं ग्राम पंचायत में परमात्मा के कूप मरम्मत पर 47905 एवं 11516 रुपये का धन स्वीकृति किया गया इस प्रकार कूप मरम्मत के नाम पर ग्राम पंचायत के खाते से 174851 रुपया निकाला गया जबकि धरातल पर 10 फीसदी पैसा भी नही खर्च हुआ है।
इसके अलावा ग्राम पंचायत में 67620 रुपया डस्टबिन एवं 36211रुपया सफाईकर्मी किट के नाम पर भी निकाला गया लेकिन स्वच्छता के मामले में ग्राम पंचायत जहां फिसड्डी साबित हुआ है वहीं इस योजना के नाम पर भी आवश्यकता से ज्यादा धन निकाल कर बंदरबांट कर लिया गया है ।
अब सवाल यह है कि ग्राम पंचायत के पैसे का इस तरह से बंदरबांट किया जाएगा तो ग्राम पंचायत के समग्र एवं समेकित विकास की बुनियादी ढांचा कैसे तैयार हो पाएगी।
इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी राजेश कुमार प्रजापति से बात हुई तो उन्होंने कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है इसकी जांच होगी एवं जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके ऊपर कड़ी कार्यवाई की जाएगी ।