सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- मृत्युभोज जैसी सामाजिक बुराई को त्यागने के लिए अब धीरे धीरे बौद्धिक संपदा के लोग आगे आ रहे हैं और मृत्यु भोज को त्याग कर समाज को नया संदेश दे रहे हैं ।अमरौली शुमाली निवासी उमेश चंद्र वर्मा की मां श्रीमती सोनमती वर्मा 17 फरवरी को सड़क दुर्घटना में घायल हो गईं थीं जहां इलाज के बाद मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में उनका निधन हो गया था ।
अर्जक संघ के पूर्व राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री उमेश चन्द्र वर्मा ने मां की निधन के बाद निर्णय लिया कि वह मृत्यु भोज का आयोजन नहीं करेंगे । और आज दिनांक 6 तारीख को उन्होंने अपने पैतृक निवास अमरौली शुमाली में शोक सभा का आयोजन किया जहां पर सैकड़ो बुद्धजीवियों ने पहुंच कर मृत्यु भोज की कुरीतियों के बारे में लोगों को संबोधित किया ।
अर्जक संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष जगन्नाथ मौर्या ने कहा कि एक तरफ परिवार के कोई सदस्य का निधन हुआ था है दूसरी तरफ उसी घर में खानपान और अच्छे पकवान की व्यवस्था की जाती है । जहां पीड़ित परिवार एक सदमे से नहीं उबर पाया हुआ है वहीं दूसरी ओर एक और कष्ट उसके ऊपर थोप दिया जाता है । उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए मृत्यु भोज को पूरी तरह से बंद करने की जरूरत है ।
इस मौके पर नीरज वर्मा , रघुनाथ पटेल, राकेश पटेल , प्रभाकर पटेल , राम भरत वर्मा , राम प्रकाश पटेल , अवधेश मौर्य , रामसेवक बौद्ध, सत्य प्रकाश वर्मा , सिद्धनाथ मौर्या , रामपूरन चौधरी ,नायब चौधरी ने भी शोकसभा में मृत्यु भोज की कुरीतियों को खत्म करने के लिए लोगों से अपील किया ।
शोक सभा में कमलेंद्र पटेल ,राजमंगल वर्मा ,प्रेमचंद्र ,राज मंगल चौधरी , अजय चौधरी, सोहनलाल यादव ,
चौधरी , इंजीनियर शैलेश चौधरी , जगनारायन वर्मा , मेहीलाल चौधरी , धीरज चौधरी ,राममूरत वर्मा, जुग्गीलाल वर्मा ,मनोज वर्मा , नीलम ,पूनम ,आशा ,रितिका ,रिया ,रंजू ,संजू ,मंजू समेत सैकड़ो लोग उपस्थित थे।