रायपुर। कांग्रेस की एक और सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का ऐलान किया है। राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की घोषणा की। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया था। यह बघेल सरकार का चौथा बजट है। मुख्यमंत्री ने राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की। कर्मचारी भी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। old pension scheme chhattisgarh
वहीं आम लोगों को राहत देते हुए सरकार ने कोई नया टैक्स नहीं लगाया। हालांकि सरकार ने टैक्स बढ़ाने पर सुझाव देने के लिए वित्त विभाग में नया प्रकोष्ठ बनाने की घोषणा जरूर की। मुख्यमंत्री ने इस बार एक लाख पांच हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि स्थापना व्यय यानी वेतन, भत्तों और पेंशन का खर्च बहुत बड़ा है। उन्होंने 14 हजार छह सौ करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश किया।
वहीं शासकीय अधिवक्ताओं के साथ साथ कर्मचारियों के कई और समूहों के मानदेय में बढ़ोतरी की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में छह नई तहसीलें बनाने की घोषणा की गई। पहली बार ऐसा हुआ कि गोबर को रिसाइकिल कर बनाए गए बैग में बजट भाषण लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सदन में पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने इस साल के बजट में विधायक निधि की राशि को बढ़ा कर दो से चार करोड़ रुपए कर दिया। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय भी बढ़ाया गया है। सरपंच और पंचों का भत्ता भी बढ़ा है। अधिसूचित क्षेत्र में ग्राम पंचायतों को खदान संचालन का अधिकार दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जो कहा था, वह करके दिखाया। उन्होंने कहा कि गांव केंद्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल को देश भर में पहचान मिली है।