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रविवार, 3 अप्रैल 2022

बस्ती- ब्लॉक मुख्यालय के ग्राम पंचायत में लाखों रुपए का बंदरबांट , जिम्मेदार लोगों को नही कोई परवाह

सौरभ वीपी वर्मा

बस्ती- सरकार द्वारा समग्र एवं समेकित विकास के क्षेत्र में ग्राम पंचायतों की स्थिति में सुधार लाने के लिए नाना प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन स्थानीय स्तर पर धन के बंदरबांट एवं योजनाओं की अनदेखी के चलते कई सारी योजनाएं जमीन पर विफल हो चुकी हैं।
ग्राम पंचायत में स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपये का बजट खर्च करने का प्रावधान है जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा स्वच्छ भारत मिशन एवं स्वच्छ पेयजल के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान ग्राम पंचायत के खाते से किया भी जा रहा है लेकिन ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट में पता चल रहा है कि स्वच्छ भारत मिशन एवं स्वच्छ पेयजल के नाम पर पैसे का सीधा-सीधा बंदरबांट हो रहा है और सरकारी दस्तावेजों में योजनाओं को ठीक-ठाक बता दिया जा रहा है ।
            आंगनबाड़ी केंद्र पर बंद पड़ा हैंडपंप
बस्ती जनपद के रामनगर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत रामनगर में सरकार द्वारा चलाई जा रही  योजनाओं की पड़ताल की गई तो पता चला कि ग्राम पंचायत में स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति शून्य है , जब की योजनाओं के सुधार एवं संरक्षण के नाम पर ग्राम पंचायत के खाते से लाखों रुपए का भुगतान ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिव के द्वारा कर लिया गया है ।
           प्लास्टिक संग्रह केंद्र के नाम पर खानापूर्ति
रामनगर ग्राम पंचायत के लोगों को शुद्ध पानी मिले इसके लिए इंडिया मार्का हैंडपंप को व्यवस्थित करने के लिए ग्राम पंचायत के खाते से लगभग दो लाख का भुगतान किया गया है जिसमें ग्राम पंचायत में हैंडपंप मरम्मत एवं हैंडपंप रिबोर के नाम पर इस पैसे का भुगतान वित्तीय वर्ष 2021-2022 में किया गया है लेकिन ग्राम पंचायत में आधा दर्जन से अधिक हैंडपंप बंद पड़े हुए हैं । वहीं आधा दर्जन से अधिक हैंडपंप के नीचे चौकी और साफ सफाई की व्यवस्था नहीं है इससे प्रतीत होता है कि ग्राम पंचायत में स्वच्छ पेयजल के नाम पर पैसे को खर्च किया गया लेकिन उसके बाद भी योजनाएं बदहाल हैं। 

 ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत डस्टबिन एवं सफाई कर्मी किट पर 50 हजार से ज्यादा रुपया खर्च किया गया है लेकिन ग्राम पंचायत में साफ सफाई की व्यवस्था नगण्य है । रामनगर ग्राम पंचायत में विकासखंड मुख्यालय भी स्थित है लेकिन जिम्मेदार लोगों द्वारा कभी भी ग्राम पंचायत की योजनाओं एवं उसके प्रगति के बारे में जायजा लेने की सुध नहीं ली जाती होगी शायद तभी ग्राम पंचायत में लाखों रुपए का भुगतान हो जाने के बाद भी सरकारी योजनाएं ध्वस्त हो चुकी है

 इस संबंध में ग्राम सचिव पुष्पा श्रीवास्तव से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन पुष्पा श्रीवास्तव की तरफ से फोन का कोई जवाब नहीं मिला ।

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