खबर से तिलमिलाए प्रभारी निरीक्षक सोनहा ने प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकारों को धमकाया
चाहे उत्तर प्रदेश के बलिया की घटना हो या फिर मध्यप्रदेश के सीधी की आजकल पत्रकारों को धमकाना और जेल भेजने की बात पुलिस द्वारा आम बात हो गई है । इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के सोनहा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पत्रकार सौरभ वीपी वर्मा द्वारा क्षेत्र में नकली नोट छापने वाले गिरोह को पकड़ने के बारे में खबर लिखा गया था और प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार पीसी चौधरी ने मध्यप्रदेश के सीधी थाने में पत्रकारों के साथ हुई अभद्रता पर आला अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाई वाली ख़बर लिखा था
लेकिन यह दोनो खबर लिखना इन दोनो पत्रकारो को भारी पड़ गया ।
बस्ती की सोनहा पुलिस को खबर से इतनी नाराजगी हुई कि दोनों पत्रकारों को नीचा दिखाने के लिए ग्रुप से बाहर कर दिया । हालांकि बड़े पुलिस अधिकारी के पूछताछ के बाद पर सोनहा पुलिस ने पीसी चौधरी को ग्रुप में पुन: जुड़वा दिया लेकिन खबर लिखने के बाद सौरभ वर्मा को इंस्पेक्टर रामकृष्ण मिश्रा ने फर्जी खबर कहते हुए जेल भेजने की धमकी दे डाला । वहीं पत्रकार सौरभ वीपी वर्मा ने पूरे साक्ष्य के साथ खबर चलाने की बात कही है।
इस मामले में सोनहा पुलिस पर सवाल तब खड़ा होने लगा जब 10 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक बस्ती आशीष श्रीवास्तव द्वारा नकली नोट छापने एवं उसको चलाने वाले अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की खुलासा किया गया ।
इस खबर के बाद संभ्रांत पत्रकारों ने सवाल खड़ा किया कि आखिर जब पुलिस ने खुद ही इस बात का खुलासा किया है तो सौरभ वीपी वर्मा गलत कैसे हो गए। इस संबंध में प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार पीसी चौधरी ने जब सौरभ वर्मा को पुन: न्यूज ग्रुप में जोड़ने का अनुरोध किया तो प्रभारी निरीक्षक सोनहा रामकृष्ण मिश्रा खुद फोन करके पत्रकार पीसी चौधरी को धमकाना शुरू कर दिए, पीसी चौधरी के ऊपर प्रभारी निरीक्षक तिलमिला उठे और उन्हें भी धमकी देते हुए कहा कि बिना पुष्टि हुई खबर लिखना गलत बात है । इस पर पीसी चौधरी ने पूछा कि जब सौरभ की खबर सही है तो आखिर आप लोग इस खबर को फर्जी क्यों बता रहे थे और यदि यह खबर फर्जी थी तो फिर आज इसका खुलासा कैसे हो गया ? इस पर प्रभारी निरीक्षक भड़क गए और पीसी चौधरी से कहा कि तुम लोग रंग में भंग डाल रहे हो , इसके बाद भी प्रभारी निरीक्षक ने नाराजगी जताते हुए जमकर अपनी भड़ास निकाली।
जानिए क्या है पूरा मामला
पूरा मामला 7 अप्रैल की है जब नकली नोट छापने के आरोप में सोनहा पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था । 7 अप्रैल को यह बात क्षेत्र में तेजी से फैल गई कि सोनहा में नकली नोट छापने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया गया है । 8 तारीख को जब पत्रकारों ने सोनहा थाने पर पहुंच कर इसकी जानकारी हासिल करनी चाही तो प्रभारी निरीक्षक राम कृष्ण मिश्रा ने कहा ऐसा कुछ भी नही है आप लोग जाइये । उसके बाद पत्रकारों ने इस घटना की जानकारी के लिए खैरा एवं परसा गांव में रहने वाले अभियुक्तों के परिजनों से बात किया गया जहां पर उन परिवार के लोगों ने बताया कि नकली नोट छापने के आरोप में लड़के पकड़े गए हैं । इस सूचना के आधार पर एक समाचार चलाया गया जिसे देख कर प्रभारी निरीक्षक राम कृष्ण मिश्रा भड़क गए और पत्रकार सौरभ वीपी वर्मा के पास फोन लगाकर धमकी देने लगे कि यह खबर सही नही है ,झूठी है , फर्जी खबर चलाते हो , देख लेंगे आदि कहकर पत्रकार को धमकाने का काम किया उसके बाद सोनहा थाने के ग्रुप से बाहर कर दिया गया ।
10 अप्रैल को कप्तान ने किया खुलासा
इस घटना के बाद 10 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव द्वारा मामले का खुलासा करते हुए बताया गया कि नकली नोट छापने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से 52 हजार से ज्यादा मूल्य के नकली नोट एवं उपकरण बरामद किए गए हैं ।
अब बड़ा सवाल यह है की क्या ऐसे में तानाशाही हुकूमत चलाना चाहते हैं प्रभारी निरीक्षक सोनहा ?
*पीसी चौधरी*
*प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार लखनऊ*
*Mo,9838889161*
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